देश में हाईवे (राष्ट्रीय राजमार्ग) पर हर 60 किलोमीटर और कई बार तो कम दूरी पर भी दिखाई देने वाले टोल बूथ अब दिखाई नहीं देंगे। केंद्र सरकार की ओर से सडक़, परिवहन एवं लघु उद्योग मंत्री नितिन गडकरी ने संसद में बताया है कि साल भर के अंदर सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर से टोल प्लाजा हटा दिए जाएंगे।
टोल बंद नहीं, सिर्फ वसूली का तरीका बदलेगा
अगर आप सोच रहे हैं कि आपको सालभर बाद टोल नहीं देना पड़ेगा तो आप गलत सोच रहे हैं। टोल तो फिर भी देना ही पड़ेगा। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि टोल वसूली का तरीका बदल जाएगा। अब जीपीएस के माध्यम से टोल वसूला जाएगा। इसके लिए गाडिय़ों में ग्लोबल पॉजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) सिस्टम लगाया जाएगा। साथ ही पूरे हाईवे को कैमरे से कवर किया जाएगा। वाहनों पर व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम भी लगाना होगा। इसके साथ ही जनरल पैकेट रेडियो सर्विस (जीपीआरएस) का भी उपयोग किया जाएगा। सेटेलाइट बेस निगरानी सिस्टम से हाइवे पर वाहन जितनी दूरी तय करेगा, उतना टोल वाहन मालिक के बैंक खाते से स्वत: ही कट जाएगा। भारत में 2019 से सभी कमर्शियल वाहन वीटीएस सिस्टम वाले ही बेचे जा रहे हैं हैं। इसमें भारत के अपने जीपीएस सिस्टम नाविक का भी उपयोग किया जाएगा ताकि वाहन की सटीक लोकेशन की जानकारी मिल सके।
नार्वे, जापान व कोरिया में भी जीपीएस से वसूली
केंद्रीय मंत्री गडकरी का कहना है कि टोल कलेक्शन के लिए जीपीएस तकनीक का उपयोग करने से अगले 5 साल में सरकार की टोल आय सवा लाख करोड़ से अधिक हो जाएगी। साथ ही भारत इस क्षेत्र में भी विकसित देशों के समकक्ष हो जाएगा। वर्तमान में नार्वे, जापान, कोरिया सहित कई विकसित देशों में इसी सिस्टम के माध्यम से टोल वसूला जा रहा है।
वर्तमान में टोल पर फास्ट ट्रैक सिस्टम लागू होने से वाहन चालकों को राहत मिली है और टोल प्लाजा ऊपर लगने वाले जाम में भी कमी आई है। साथ ही प्रदूषण कम हुआ है, हालांकि अभी कई जगह सुबह शाम वाहनों की लाइन लग जाती है और वाहन चालक परेशान होते हैं। नया जीपीएस टोल सिस्टम लागू होने के बाद यह व्यवस्था भी हट जाएगी। इससे वाहन चालकों के आवागमन के समय में और बचत होगी।