
स्कूल फीस को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 16 फरवरी को अंतिम ऑर्डर कर लिया था रिजर्व
जयपुर। स्कूल फीस को लेकर सुप्रीम कोर्ट 3 मई को अपना फैसला सुनाएगा। आखिरकार 2 माह 15 दिन बाद वह घड़ी आ गई, जिसका प्रदेश के अभिभावक लंबे अंतराल से इंतजार कर रहे थे, हालांकि सुप्रीम कोर्ट की इस देरी को लेकर अभिभावकों में घोर निराशा हो रही थी किन्तु अब अभिभावकों का इंतजार सोमवार को खत्म हो जाएगा।
कैथोलिक एजुकेशन सोसायटी, शिक्षा कुल सेवा संस्थान (राजसमंद) और सवाई मानसिंह विद्यालय (एसएमएस) की मैनेजिंग कमेटी ने 18 दिसम्बर को राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनोती दी थी, जो सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधिपति ए. एम खानविलकर और दिनेश माहेश्वरी की खंडपीठ में चल रहा था, जिसने सुनवाई पूरी करते हुए 16 फरवरी को अंतिम ऑर्डर रिजर्व कर लिया था। जिसमें संयुक्त अभिभावक संघ ने अभिभावकों का पक्ष रखा था ।
संघ के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने 8 फरवरी को 2019-20 के अनुसार शत प्रतिशत फीस 6 किस्तों में जमा करवाने के अंतरिम आदेश दिए थे, जो पूरी तरह से अभिभावकों के विरुद्ध फैसला था। 16 फरवरी को जब सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला रिजर्व किया था उन्होंने सभी पक्षकारों से लिखित में अपनी बात रखने को कहा था, जिस पर संयुक्त अभिभावक संघ ने भी लिखित में अपना पक्ष सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखा, उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के 3 मई को आने वाले आदेश के बाद ही आगे की रणनीति तय की जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि अभिभावकों की आर्थिक परिस्थितियों और अन्य हालातों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट अभिभावकों को निराश नहीं करेगा।
प्रदेश विधि मामलात मंत्री एडवोकेट अमित छंगाणी ने बताया कि सोमवार को फैसला देखने के बाद ही अब कुछ कहा जा सकता है किंतु हमे आशा है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला न्यायसम्मत और अभिभावकों के पक्ष मे आयेगा।