पूरी दुनिया में पेटेंटे फ्री करवाना जरूरी
स्वदेशी जागरण मंच ने छेड़ा अभियान

जयपुर.
आज कोविड-19 की स्थिति भयावह होती जा रही है और ऐसा भी कहा जा रहा है कि थर्ड वेव अभी और आनी है जो बच्चों को भी संक्रमित करने में सक्षम होगी। अत: तेजी से सबका वैक्सिनेशन हो यह जरूरी है। इसके लिए स्वदेशी जागरण मंच ने ऑनलाइन हस्ताक्षर अभियान छेड़ा हुआ है।
वैक्सीन की उपलब्धता बढ़े इस लिए जरूरी है कि पेटेंट प्रावधानों में इस महामारी के समय कुछ परिवर्तन कर टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के माध्यम से बड़े स्तर पर वैक्सीन निर्माण करवाया जाए। इसके द्वारा हम जल्द ही वैक्सीन की डोज सभी को उपलब्ध करवा सकते हैं। स्वदेशी जागरण मंच ने जल्द से जल्द जनमानस के लिए वैक्सीन निर्माण में आ रही इंटरनेशनल पेटेंट की कानूनी बाधाओं को कुछ समय के लिए हटाकर हर जन को वैक्सीन जल्द मिले और ऐसे प्रावधान हो सके के लिए ऑनलाइन पिटीशन अभियान चलाया है।
स्वेदशी जागरण मंच के प्रदेश प्रचार प्रमुख एडवोकेट सुदेश सैनी ने बताया कि अभी तक राजस्थान से 53 हजार लोगों ने इस अभियान के निमित्त ऑनलाइन पिटिशन सहमति दी है। अधिकतम पिटिशन डबल्यूटीओ तथा सरकारों के समक्ष दवाइयों व वैक्सीन को पेटेंट मुक्त कराने के लिए ऑन लाइन भेजने का कार्य 6 जून 2021 से पहले पहले करना है जिससे कि 8 जून को डबल्यूटीओ की प्रस्तावित बैठक में दबाव बना कर इस बाबत निर्णय कराया जा सके।
ताकि मानवता की रक्षा हो
इस अभियान का प्रारंभ 11 मई से किया गया था जिस दिन जब भारत ने परमाणु परीक्षण किया था। बड़ी बहुराष्ट्रीय फार्मा कंपनियां जिन्होंने कोरोना की वैक्सीन विकसित की है ने बेतहाशा कमाई करने के लिए इनके पेटेंट सर्वाधिकार सुरक्षित करवा रखे हैं। फिर दाम भी अपने हिसाब से तय कर रहे हैं। साथ ही भारत सरकार से आग्रह करते हैं कि डबल्यूटीओ को दोहा वार्ता के परिप्रेक्ष्य में पेटेंट कानून को नहीं मानते हुए भारतीय दवा कंपनियों को अनिवार्य अनुज्ञप्ति प्रदान करे ताकि वे इस वैश्विक महामारी से मुकाबला करने के लिए त्वरित गति से वैक्सीन का निर्माण कर सके। इसे डब्ल्यूटीओ से पेटेंट मुक्त करवाकरए इन कंपनियों, उनके आकाओं, शेयरधारकों, समर्थकों को जन आवाज से मजबूर कर देंगे कि वह संपूर्ण मानवता के हित को ध्यान में रखते हुए इसे मुनाफाखोरी का साधन नही बनावे क्योंकि यह संकट पूरी मानवता पर है।
मिला है वैश्विक समर्थन
कोरोना वैक्सीन और दवाइयों को पेटेंट, बौद्धिक संपदा अधिकारों से मुक्त करवाने के लिए भारत और दक्षिण अफ्रीका ने डबल्यूटीओ में प्रस्ताव दिया हुआ है जिसको 120 से भी अधिक देशों का समर्थन है। अमेरिका के 100 से भी अधिक सांसदों ने मानवता के हित में कोरोना की वैक्सीन, दवाइयों, उपकरणों, तकनीक, कच्चा माल आदि को पेटेंट-बौद्धिक संपदा अधिकारों से मुक्त रखने का समर्थन किया है। अनेक देशों के 60 से भी अधिक पूर्व राष्ट्राध्यक्षों ने और 100 से अधिक पूर्व नोबल पुरस्कार विजेताओं ने भी इसका समर्थन किया है।
कोरोना वैक्सीन और दवाइयों आदि को पेटेंट, बौद्धिक संपदा अधिकारों से मुक्त करवाने के लिए स्वदेशी जागरण मंच द्वारा पूरे देश में वैश्विक सर्व सुलभ टीकाकरण एवं दवाइयां अभियान चलाया जा रहा है। जिससे कि ज्यादा से ज्यादा कंपनियों द्वारा कोरोना वैक्सीन और दवाइयों का अधिकाधिक उत्पादन करवा कर विश्व को जल्दी से कोरोना मुक्त करवाया जा सके।