
हर किसी की यही इच्छा होती है कि एक सपनों का घर उसका भी हो, लेकिन महंगाई के इस दौर में अब शहरों में घर खरीदना आसान नहीं रहा है। घर का सपना पूरा करने के लिए आदमी को बैंकों की मदद लेनी ही पड़ती है यानि बिना बैंक से लोन लिए इस महंगाई के दौर में घर का सपना साकार होना मुश्किल ही है। घर का सपना पूरा करने के लिए यदि आप भी बैंक से कर्ज लेने का मन बना रहे हैं तो जान लीजिए ये कुछ बातें-
वैसे तो होम लोन की ब्याज दर अन्य ऋणों की तुलना में सबसे कम होती हैं, फिर भी आपको होम लोन लेने से पहले यह पता कर लेना चाहिए कि जिस बैंक से आप लोन ले रहे हैं उसकी ब्याज दर कितनी है। वर्तमान समय में होम लोन की न्यूनतम ब्याज दर 6.70 फीसदी है।
होम लोन पर बैंक दो तरह की ब्याज दर वसूल करते हैं एक होती है फिक्स्ड ब्याज दर और एक फ्लोटिंग ब्याज दर। अब आपको इनमें से उस दर का चयन करना है, जो आपके लिए ज्यादा फायदेमंद हो।
यह अंतर है फिक्स्ड और फ्लोटिंग ब्याज दर में
फिक्स्ड ब्याज दर में होम लोन चुकाने की पूरी अवधि में ब्याज दर एक ही रहती है यानि कि ब्याज दर बदलती नहीं है। रिजर्व बैंक के ब्याज दर कम-ज्यादा करने का असर इस पर नहीं पड़ता है। इसमें आपकी ईएमआई (इक्वल मंथली इंस्टालमेंट) भी बदलती नहीं है, लास्ट किस्त तक एक ही रहती है। फिक्स्ड ब्याज की दर फ्लोटिंग ब्याज दर से हमेशा कुछ अधिक रहती है। ऐसे में फिक्स्ड ब्याज दर पर होम लोन लेते समय यह पता कर लेना चाहिए कि यह फ्लोटिंग ब्याज दर से कहीं बहुत अधिक तो नहीं है। वैसे यह दर ढाई प्रतिशत तक अधिक होती है। फिक्स्ड रेट पर होम लोन तब ही लाभकारी रहता है, जब भविष्य में ब्याज दरों के बढऩे की संभावना हो।
फ्लोटिंग ब्याज दर में रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित किए जाने वाले बेस रेट के साथ ब्याज की दरों में भी उतार-चढ़ाव आता रहता है। यानि कि बेस रेट बढ़ेगी तो ब्याज की दर बढेगी और कम होगी तो ब्याज दर में कमी आएगी। ऐसे में आपकी होम लोन की किस्त भी कम ज्यादा होती रहती है। यह आपके लिए तभी लाभकारी हो सकती है, जब ब्याज की दरों में कमी आने की संभावना हो।
कुछ बैंक ही हैं, जो पूरी अवधि के लिए फिक्स्ड दर पर होम लोन देते हैं। अधिकतर बैंक मिश्रित दरों फिक्स्ड और फ्लोटिंग पर होम लोन ऑफर करते हैं। ये बैंक शुरुआत के कुछ वर्षों के लिए तो फिक्स्ड रेट पर लोन देते हैं, बाद में ये आपकी ऋण राशि पर फ्लोटिंग दर से ब्याज वसूल करते हैं।