
आयुर्वेद और विभिन्न प्राचीन ग्रंथों के अनुसार मनुष्य का दिन में सोना वर्जित माना गया है। आयुर्वेद के अनुसार रात की नींद को ही श्रेष्ठ बताया गया है और दिन में सोने को बीमारियों को न्योता देने के समान माना गया है। आयुर्वेद के अनुसार दिन की नींद से मानव शरीर के जींस को प्रभावित करता है, जिससे जेनेटिक डिसऑर्डर की संभावना बढ़ जाती है। इसी से मानव शरीर के वजन का घटना-बढऩा तय होता है। इसके विपरीत हाल ही कई अध्ययनों में इस बात की पुष्टि हुई है कि दिन में सोने से वजन नहीं बढ़ता है बल्कि शरीर का विकास तो बेहतर होता ही है। साथ ही शरीर की मरम्मत और जीवन जीने का प्रोसेेस बेहतर होता है। नींद के दौरान ही शरीर रोजाना होने वाली कोशिकाओं की टूट-फूट की मरम्मत करता है। इसलिए वजन ज्यादा सोने से नहीं बढ़ता है बल्कि नींद कम लेना मानव शरीर के लिए नुकसानदायक है। इससे कई बीमारियां जैसे चिड़चिड़ापन, एसिडिटी आदि होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
कम नींद से बढ़ता है मोटापा
विभिन्न अध्ययनों से पता चला है कि रात में देर से सोना या नींद कम लेने से वजन बढ़ता है। नींद की कमी पर मानव शरीर में हार्मोन बनने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। नींद की कमी पर भूख के लिए जिम्मेदान हार्मोन लेप्टिन व घ्रिलीन का स्त्राव ज्यादा होने लग जाता है, जिससे भूख ज्यादा लगने लगती है। इस स्थिति में पेट भर जाने पर भी ऐसा महसूस होता है कि अभी भूख मिटी नहीं है।
दिन में भी सोएं कुछ देर
दिन में सोने को लेकर विशेषज्ञों का सुझाव है कि मनुष्य के लिए दिन में 25 से 50 मिनट की नींद लेना अच्छा रहता है। इससे तनाव बढ़ाने वाले हार्मोन की मात्रा में कमी आती है और उत्पादकता में वृद्धि होती है। जो लोग लंबे समय तक लगातार काम करते हैं उनके लिए दिन में झपकी लेना अच्छा रहता है। इससे शरीर तो रिलेक्स होता ही है, साथ ही दुर्घटना से भी बचा जा सकता है।
मनुष्य को दोपहर का भोजन करने के 1-2 घंटे तक नहीं सोना चाहिए। इससे शरीर शिथिल पड़ जाता है, जिससे भोजन को पचाने वाले हार्माेन बनने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है और पाचन क्रिया गड़बड़ा जाती है। ऐसे में मनुष्य को खाना खाने के बाद तुरंत नहीं सोना चाहिए। भोजन करने व सोने के बीच 1 से 2 घंटे का अंतराल रखना जरूरी है।