युवा शक्ति ही बदल सकती है देश का भाग्य – भगवान सिंह

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निंबार्क पीठ में हुआ पांच दिवसीय आयोजन

किशनगढ़-मदनगंज। संपूर्ण विश्व में भारत ही एकमात्र युवा देश है, जो अपनी युवा शक्ति के दम पर विश्व का नेतृत्व कर सकता है और भारत का भाग्य बदल सकता है। स्वामी विवेकानंद कहते थे कि मेरा विश्वास युवा पीढ़ी में है और मेरे समान सौ युवा इस संपूर्ण विश्व को बदलने की ताकत रख सकते हैं।
यह विचार विवेकानंद केंद्र के प्रांत प्रमुख भगवान सिंह ने निंबार्क पीठ में चल रहे युवा स्थानिक कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर के आहुति सत्र में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि हमारी युवा शक्ति सिंह के सामान बलशाली है, जिसे राष्ट्र कार्य के लिए जाग्रत करना अत्यंत दुष्कर कार्य है। यह कार्य विवेकानंद केंद्र सफलता पूर्वक कर रहा है।

प्रशिक्षण से संगठित होगी युवा शक्ति-दिनेश सिंह

देश में ऐसे युवाओं की सख्त आवश्यकता है, जो आगे आकर समाज में आदर्श स्थापित कर सकें। शिविर के समापन सत्र में मुख्य अतिथि किशनगढ़ नगर परिषद के सभापति दिनेश सिंह ने अपने विद्यार्थी जीवन के अनुभव साझा करते हुए बताया कि प्रशिक्षण ही एकमात्र साधन है, जिससे बिखरी हुई युवा शक्ति को संगठित किया जा सकता है।
शिविर प्रतिवेदन देते हुए शिविर प्रमुख दिवस गौड़ ने कहा कि इन पांच दिनों के दौरान विद्यार्थियों ने न केवल अनुशासन एवं समय प्रबंधन सीखा अपितु खेल, गीत, भजन एवं योगाभ्यास के द्वारा अपनी छुपी हुई प्रतिभा को उजागर करने में भी वह सफल हुए हैं। शिविर अधिकारी अशोक खंडेलवाल ने युवाओं का आह्वान किया कि उन्हें विवेकानंद केंद्र की कार्य पद्धति को लेकर गांव-गांव जाना है और स्वामी विवेकानंद के सपनों के भारत का निर्माण करना है।
प्रांत प्रशिक्षण प्रमुख डॉ. स्वतंत्र शर्मा ने बताया कि इस शिविर में 31 प्रतिभागियों का चयन कन्याकुमारी मुख्यालय पर भ्रमण के लिए हुआ है। चयनित शिविरार्थियों को नगद पुरस्कार भी विवेकानंद केंद्र के राष्ट्रीय पदाधिकारियों के हाथों प्रदान किया जाएगा। इस शिविर में विवेकानंद केंद्र के जीवनव्रती कार्यकर्ता, स्थानिक दायित्ववान कार्यकर्ताओं के साथ ही युवा कार्यकर्ताओं ने भी सहभागिता की।

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