यज्ञ में शामिल हुए सैंकड़ों परिवार

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जयपुर। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के खतरे को देखते हुए अधिक से अधिक लोग अब यज्ञ से जुडऩे लगे है। लोगों का मानना है कि यज्ञ से आध्यात्म के साथ साथ शारीरिक स्वास्थ्य को भी लाभ मिलता है। साथ ही प्राणवायु आक्सीजन की मात्रा बढ़ती है। इससे प्रदूषण भी कम होता है।
अजमेर जिले के मदनगंज-किशनगढ़ में घर घर यज्ञ को पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध एक याज्ञिक परिवार सरोज और दिनेश मालू की प्रेरणा से माहेश्वरी समाज के सैकड़ों परिवारों ने 2 दिवसीय ऑनलाइन और ऑफलाइन यज्ञ को सम्पन्न किया। माहेश्वरी समाज किशनगढ़ के अध्यक्ष मुकुट बिहारी मालपानी ने महामारी से जूझ रहे समाज के लिए यज्ञ को अत्यंत आवश्यक बताया। वहीं जुगल बंग ने बताया कि नियमित यज्ञ करते रहना चाहिए।
प्रभुलाल कुमावत ने ऑनलाइन यज्ञ के सभी प्रतिभागियों को कहा कि इस वातावरण को शुद्ध करने का दायित्व मनुष्य जाति का ही है क्योंकि मनुष्यों के द्वारा ही इस वातावरण को अनेकों प्रकार से जाने अनजाने विषैला किया जा रहा है। कैलाश कुमावत ने यज्ञ के महत्व पर भजन भी सुनाए। दो दिवसीय यज्ञ के ऑनलाइन कार्यक्रम को बालाजी बगीची योग प्रशिक्षिका डिंपल अग्रवाल ने होस्ट बनकर संचालित किया। बालाजी बगीची योग समिति महिलाओं ने भी भाग लिया। माहेश्वरी महिला मण्डल की सरिता मंत्री, शशि छापरवाल, किरण मालपानी और साधना ने नियमित यज्ञ करने का संदेश सभी को दिया।

औषधियुक्त सामग्री से किया हवन, मनाई परशुराम जयंती

कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए झुझुनूं जिले के शिमला गांव में स्थित जलाराम बापा ज्योतिष संस्थान शिमला की ओर से संस्थान में डॉ. अभिमन्यु पाराशर के द्वारा हवन कराया गया। इसमें चिरायता, काल मेध, कपूर, सर्प पंखा, तुलसी की पत्तियां, नीम की पत्तियां, गिलोय, लौंग, इलायची, करान्जगिरी, कुटकी, नीम की निमोली का मिश्रण बना कर औषधि युक्त हवन सामग्री से हवन किया गया। संस्थान के अध्यक्ष आचार्य अभिमन्यू पाराशर ने बताया कि औषधि युक्त हवन सामग्री से यज्ञ करने से साँस से संबंधित बीमारियों की रोकथाम होती है। इस वसर पर संस्थान के संस्थापक रामानंद शर्मा, पंडित गोविंद राम शर्मा, पंडित इंद्रजीत शर्मा, अमित शर्मा, यश, आर्यन, दक्ष, मनीषा, मनोज, रीना, अमन आदि उपस्थित रहे। इसके साथ ही भगवान परशुराम का जयंती महोत्सव मनाया गया। 108 दीपक से महाआरती उतारी गई। अंत में पूजा होने के पश्चात भगवान परशुराम के समक्ष भीगी हुई चने की दाल, ककड़ी और पंजीरी का प्रसाद लगाया गया। इसमे आरएन शर्मा, बजरंगलाल, अमित शर्मा, सतीश चंद शर्मा, पंकज शर्मा आदि शामिल हुए।

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