माल ढुलाई में आगे दौड़ रही है रेलवे

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कमाई और लदान का बनाया नया रिकॉर्ड
मालगाड़ियों की गति भी बढ़ाई


जयपुर.
कोरोना महामारी की चुनौतियों के बीच भी रेलवे ने माल ढ़ुलाई का नया रिकॉर्ड बनाने में सफलता पाई है। कोविड की चुनौतियों के बावजूद रेलवे की प्रगति का पहिया निरंतर आगे बढ़ रहा है।
भारतीय रेलवे ने वित्त वर्ष 2021-22 में लोडिंग के आंकड़ों के मामले में 185.04 मिलियन टन की लोडिंग के साथ वर्ष 2020 और 2019 के आंकड़ों को पीछे छोड़ दिया है। दरअसल लोडिंग के ये आंकड़े वर्ष 2020 में 116.1 एमटी और वर्ष 2019 में 167.66 एमटी थे जो तुलनात्मक रूप से क्रमश: 59.38 प्रतिशत और 10.37 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।
इस अवधि में भारतीय रेलवे ने माल भाड़ा लोडिंग से 18542.8 करोड़ रुपये की कमाई की। यह कमाई समान अवधि में वर्ष 2019 की 17.674 करोड़ रुपये की कमाई की तुलना में 4.92 प्रतिशत और वर्ष 2020 की 10.540.1 करोड़ रुपये की कमाई की तुलना में 75.93 प्रतिशत अधिक है।
भारतीय रेलवे में सितंबर 2020 से मई 2021 के दौरान लगातार 9 महीनों तक सबसे अधिक लोडिंग दर्ज करने का सिलसिला जारी है।
कोयला क्षेत्र ने निरंतर विकास देखने को मिला है। भारतीय रेलवे ने इस वित्त वर्ष 2021-22 में 88.15 मिलियन टन कोयला की लोडिंग की है जो पिछले वर्ष 2020 की लोडिंग 57.23 मिलियन टन की तुलना में 54.03 प्रतिशत और वर्ष 2019 की लोडिंग 86.94 मिलियन टन की तुलना में 1.39 प्रतिशत अधिक है। मई 2021 के महीने में भारतीय रेलवे की लोडिंग 73.45 मिलियन टन थी जो पिछले वर्ष की इसी अवधि 50.66 मिलियन टन की तुलना में 44.99 प्रतिशत अधिक है। वर्ष 2021 की लोडिंग इसी अवधि में वर्ष 2019 के लोडिंग आंकड़ों 66.61 एमटी की तुलना में 10.27 प्रतिशत अधिक है।
भारतीय रेलवे की लोडिंग 73.45 मिलियन टन रही जिसमें 35.62 मिलियन टन कोयला, 9.77 मिलियन टन लौह अयस्क, 3.38 मिलियन टन खाद्यान्न, 2.22 मिलियन टन उर्वरक, 2.02 मिलियन टन खनिज तेल और 3.15 मिलियन टन सीमेंट क्लिंकर को छोडकऱ शामिल हैं।
भारतीय रेलवे ने मई 2021 में माल भाड़ा लोडिंग से 7368.00 करोड़ रुपये की कमाई की जो पिछले वर्ष इसी अवधि की कमाई 4541.21 करोड़ रुपये की तुलना में 62.20 प्रतिशत अधिक और वर्ष 2019 में इसी अवधि की कमाई 7021.75 करोड़ रुपये की तुलना में 4.93 प्रतिशत अधिक है। रेलवे में माल ढुलाई को बढ़ावा देने और आकर्षक बनाने के लिए भारतीय रेलवे की ओर से कई तरह की रियायतें छूट भी दी जा रही हैं। खास बात यह है कि मौजूदा नेटवर्क में मालगाडिय़ों की गति में भी काफी ज्यादा वृद्धि दर्ज की गई है।

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