
जयपुर। कोरोना महामारी से लडऩे में भारतीय सेना दिन रात एक किए हुए है। भारतीय सेना देशभर में आक्सीजन सिलेंडर, टैंकर सहित अन्य चिकित्सा सामग्री पहुंचाने में में जुटी है। यहीं नहीं विदेशों से भी चिकित्सा सामग्री लाकर देश में पहुंचाने में भारतीय वायुसेना और नौसेना लगी हुई है। इससे देश को कोरोना महामारी की दूसरी लहर से लडऩे में मदद मिल रही है। यही कारण है कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार तो खुलकर सेना की मदद मांग रही है।
जुटे हैं भारतीय वायु सेना के विमान
भारतीय वायुसेना ने गत 2 मई तक 269 घरेलू उड़ाने और 119 अंतर्राष्ट्रीय उड़ाने की है। इनके माध्यम से आक्सीजन टैंकर, सिलेंडर, कंसन्ट्रेटर सहित अन्य चिकित्सा सामग्री को देश के विभिन्न स्थानों पर पहुंचाया है। खाली टैंकरों को दुर्गापुर, जामनगर और भिलाई पहुंचाया गया। ऐसा इन उड़ानों के माध्यम से कई बार किया गया। देशभर में पूर्व से पश्चिम और दक्षिण से उत्तर तक उड़ानों को अंजाम दिया गया। इसमें अमरीका से खरीदे गए सी-17 ग्लोबमास्टर परिवहन विमान काम आ रहे है। इसके अलावा जर्मनी, ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया, सिंगापुर, दुबई, बैंकाक से कंटेनर और सिलेंडर एयरलिफ्ट किए गए।
भारतीय नौसेना भी मुस्तैद
इसी तरह भारतीय नौसेना ने समुद्रसेतू द्वितीय अभियान के अंतर्गत कई जहाजों को तैनात किया है। यह जहाज विदेशों से मेडिकल ऑक्सीजन लाने, चिकित्सा उपकरण लाने में लगे हुए है। कुवैत, बहरीन, कतर, सिंगापुर आदि देशों से चिकित्सा उपकरण लाकर देश के विभिन्न बंदरगाहों तक पहुंचा रहे है। वहीं नौसेना के कई अस्पतालों में भी कोविड-19 के मरीजों का उपचार हो रहा है।
थल सेना ने झोंकी पूरी ताकत
भारतीय थलसेना भी पूरी ताकत से इस लड़ाई में जुटी हुई है। थल सेना ने हाल ही में आगरा में बंद पड़े आक्सीजन संयंत्र को चालू किया। वहीं अहमदाबाद में आक्सीजन उत्पादन में मदद की। साथ ही सेना के अस्पतालों में भी कोविड-19 का उपचार शुरू कर दिया गया है। सेना जगह-जगह नागरिक प्रशासन की मदद में जुटी हुई है। इसके साथ ही रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) की ओर से भी तकनीक विकसित कर देश की मदद में लगा हुआ है। इसकी तकनीक से दिल्ली के कई अस्पतालों में आक्सीजन उत्पादन के संयंत्र लगाए गए है।
