भारत में अभी तक केवल 17 करोड़ को लगा टीका

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वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार बनी चिंता का कारण
टीकों का उत्पादन कई गुना बढ़ाने की जरूरत

जयपुर। देशभर में अभी तक सिर्फ 17 करोड़ लोगों को टीका लगाया जा सका है। 18 से 44 आयु वर्ग के सिर्फ 17.8 लाख लोगों के ही टीका लगाया गया है। देश की आबादी के लगभग 140 करोड़ और दूसरी लहर की आक्रामकता को देखते हुए टीका लगने वाले लोगों की संख्या बहुत कम है। अभी तक आधी आबादी तो छोड़ों एक चौथाई आबादी के भी टीका नहीं लगा है। वैक्सीनेशन की यह धीमी रफ्तार चिंता का विषय बनी हुई है। इसको देखते हुए टीकों का उत्पादन कई गुना बढ़ाने की आवश्यकता है। इसके लिए आवश्यक कच्चा माल और अत्याधुनिक तकनीक युद्ध स्तर पर जुटाए जाने की जरूरत है। केंद्र सरकार को सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का सहयोग लेकर इस कार्य में उपयोग करना चाहिए। जिस तरह से डीआरडीओ ने उल्लेखनीय कार्य किया है उसी तरह से डीआरडीओ सहित अन्य सरकारी कंपनियों और संस्थाओं की इस कार्य में मदद ली जानी चाहिए ताकि देश की इस जैविक युद्ध में पूर्ण विजय हो।

विदेशों से मिली मदद

केंद्र सरकार ने बताया है कि 16 ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट और 3 लाख से अधिक रेमेडिसिविर शीशियों सहित वैश्विक सहायता को लगातार पूरी सक्रियता से मंजूरी दी गई है और इन्हें कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में पहुंचाया गया है। विश्व समुदाय कोविड महामारी की दूसरी लहर में संक्रमण के मामलों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि की चुनौतियों से निपटने और आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भारत के प्रयासों का समर्थन करते हुए लगातार मदद कर रहा है। अब तक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 6738 ऑक्सीजन कन्सेन्ट्रेटर, 3856 ऑक्सीजन सिलेंडर, 16 ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट, 4668 वेंटिलेटर, बीबाई पीएपी और 3 लाख से ज्यादा रेमेडिसिविर शीशियों को अब तक वितरित किया जा चुका है।

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