भारत कर रहा है इंजीनियरिंग के चमत्कार

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चल रहा है कई पुलों और सुरंगों का निर्माण कार्य

सत्येन्द्र शर्मा
जयपुर। कभी पिछड़ा देश माना जाने वाला हमारा देश इस समय सिविल इंजीनियरिंग के चमत्कार करने में जुटा हुआ है। भारत में इस समय कई एसी जगहों पर पुलों और सुरंगों का निर्माण कार्य जारी है, जहां खड़ा होना भी मुश्किल है। ऐसी कठिन जगहों पर न केवल निर्माण कार्य हो रहा है बल्कि वैश्विक रिकार्ड भी बनाया जाएगा।

चेनाब पर दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल

जम्मू कश्मीर में चेनाब नदी में दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल बनाया जा रहा है। यह आर्क रेलवे पुल एफिल टॉवर से भी 30 मीटर ऊंचा होगा। यह 359 मीटर ऊंचा होगा। इसको दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य है। यह रेल पुल उधमपुर बारामूला और श्रीनगर तक रेलवे लाइन बिछाए जाने के अंतर्गत निर्मित किया जा रहा है। इससे कश्मीर घाटी पूरे देश से जुड़ जाएगी और देशवासी श्रीनगर तक रेल से जा सकेंगे। इसका कार्य अगले साल दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य है।
जम्मू कश्मीर में ही जोजिला सुरंग का काम किया जा रहा है। इस सुरंग के माध्यम से श्रीनगर से लेह तक मात्र 15 मिनट में पहुंचा जा सकेगा। अभी 3 घंटे का समय लग जाता है। श्रीनगर कारगिल लेह रोड भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या एक पर स्थित है। सर्दियों में बर्फबारी के कारण यहां 6 माह तक सडक़ मार्ग बंद हो जाता है। इससे क्षेत्रवासियों और भारतीय सेना को भी काफी परेशानी उठानी पड़ती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह सुरंग बनने से आधुनिक भारत के नए निर्माण में से एक होगा। यह 14.15 किलोमीटर लंबी सुरंग होगी। यह 11578 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।

दक्षिण भारत में नया पंबन ब्रिज

इसी तरह दक्षिण भारत में नए पंबन ब्रिज का काम किया जा रहा है। तमिलनाडू में रामेश्वरम के पास बन रहे इस नए पंबन ब्रिज की खासियत यह होगी कि 2.07 किलोमीटर लंबा होगा। साथ ही यह वर्टिकल लिफ्ट समुद्री पुल होगा यानि यह पुल समुद्र में जहाज आने पर बीच में से उठाया जा सकेगा। जहाज के जाने पर वापस पुल को जोड़ दिया जाएगा। ऐसा नियमित रूप से किया जाता रहेगा। इससे धनुषकोडी और रामेश्वरम जाने वाले तीर्थयात्रियों को लाभ मिलेगा और वे आसानी से वहां तक जा सकेंगे।
इससे पहले अटल टनल का निर्माण 10 हजार फीट की ऊंचाई पर किया गया था। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले वर्ष 3 अक्टूबर को किया था। इससे मनाली लेह के बीच की दूरी 46 किलोमीटर कम हो गई है। यह सुरंग 9.02 किलोमीटर लंबी है और भारतीय सेना इस सुरंग के माध्यम से लगभग 10 मिनट में चीन सीमा के पास पहुंच सकती है। इससे देश की सेना के पास हथियार और रसद पहुंचाना आसान हो गया है। इसके साथ ही यहां के पर्यटन और क्षेत्र के विकास को भी गति मिलना शुरू हो गई है।

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