प्रारंभ होगा जल जीवन हरियाली जागरूकता अभियान

Spread the love

पर्यावरण संरक्षण को लेकर अभियान
राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय का आयोजन


जयपुर.
राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय शिक्षक छात्र समाज तथा राष्ट्रहित को लेकर सतत कार्य करता है। इसी उद्देश्य के साथ संगठन की स्थाई समिति के निर्णय अनुसार राज्य में पर्यावरण संरक्षण को लेकर शिक्षक शिक्षार्थी व समाज में जागरूकता का संदेश प्रदान करने के लिए जल जीवन हरियाली जागरूकता अभियान कार्यक्रम प्रारंभ करने जा रहा है।
राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के प्रदेश महामंत्री अरविंद व्यास ने बताया कि हम सभी प्रकृति पूजक हैं। ऐसे में प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा एवं उनका आदर करना हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है। प्रकृति संतुलन बनाए रखने के लिए हम सभी की समग्र जिम्मेदारी है कि हम अपने विद्यालयों के बालकों तथा समाज में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता लाने के लिए संदेश वाहक बने।

तीन बड़े अभियान

संगठन के प्रदेश अध्यक्ष संपत सिंह ने बताया कि संगठन ने संपूर्ण प्रदेश में जून से अक्टूबर तक 3 बड़े कार्यक्रम आयोजित कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने का निर्णय लिया है जो इस प्रकार है।

  1. धरती माता का करे शृंगार कार्यक्रम के तहत स्कूल एवं आसपास वृक्षारोपण स्कूल के आसपास सफाई, कचरा नहीं फेंकने प्लास्टिक थैलियों का उपयोग बंद करने जैसे कार्य।
    2. जल शक्ति संरक्षण अभियान कार्यक्रम के तहत स्कूल के बालकों को जल के महत्व व उसके संचित जलाशयों को गंदा नहीं करना, सफाई के महत्व के बारे में अवगत करवाना।
    3. जीव संरक्षण अभियान कार्यक्रम अंतर्गत पशु के लिए घास में पानी की टंकियां लगवाने पक्षियों के लिए दाना व पानी के लिए परिंडे या सकोरे लगवाना।

इन्हें बनाए दैनिक जीवन का हिस्सा

  1. प्रकृति के सानिध्य का सुख समझें। अपने आसपास छोटे पौधे या बड़े वृक्ष लगाएं। धरती की हरियाली बढ़ाने के लिए कृत संकल्प हो तथा लगे हुए पेड़ पौधों का अस्तित्व बनाए रखने का प्रण लें।
  2. अपने या बच्चों के जन्मदिन हो या कोई भी यादगार क्षण पेड़ लगाकर उन यादों को चिरस्थाई बनाएं।
  3. छोटे-बड़े सभी समारोह में अतिथि स्वागत पुष्पगुच्छ या पुष्पहार पहनाने की बजाय पौधे देकर करें। अपने संबंधों को चिरस्थाई बनाएं।
  4. सडक़ें या घर बनाते समय यथासंभव वृक्षों को बचाएं अत्यावश्यक हो तो पांच गुणा पेड़ लगाकर प्रकृति को सहेजें।
  5. अपने घर आंगन में थोड़ी सी जगह पेड़-पौधों के लिए रखें। यह आपको हरियाली देंगे, तापमान कम करेंगे, पानी का प्रबंधन करेंगे व जीवन में सुख व प्रसन्नता का एहसास कराएंगे।
  6. पानी का संरक्षण करें, हर बूंद को बचाएं, ब्रश करते समय नल खुला ना छोड़ें, शावर की जगह बाल्टी में पानी लेकर स्नान करें। गाडिय़ा धोने की बजाय बाल्टी में पानी लेकर कपड़े से साफ करें। आंगन व फर्श प्रतिदिन धोने की बजाय झाड़ू व पोंछा लगाकर सफाई करें। प्रतिदिन फर्श साफ करने के बाद पोंछे का पानी गमलों में डालें। फिनाइल रहित पानी ले, दाल सब्जी और चावल धोने के बाद इक_ा कर पानी गमलों में क्यारियों में डालें, सार्वजनिक नलों को बहते देखें तो नल बंद करने की आदत डालें, मेहमानों को पानी छोटे गिलास में दे व फिर भी पानी बचे तो गमलों में डालें। बर्तन धोते समय पानी का किफायत से उपयोग करें कपड़ों में कम से कम साबुन डालें ताकि कम पानी में कपड़े धूल सके। कूलर इत्यादि का उपयोग घर के सभी सदस्य साथ बैठकर करें। नल को टपकने न दें प्लम्बर बुलाकर तुरंत ठीक करवाएं, टंकी बहने ना दे।
  7. ऑफिस हो या घर बिजली का किफायती उपयोग करें। कमरे से बाहर निकलते समय लाइट पंखे बंद करें। एक ही कमरे में एसी टीवी चलाएं। एसी-फ्रिज में जहरीली गैस प्रयुक्त न हो इसका ध्यान रखें। ऐसे ही उपकरण खरीदने का आग्रह करें जो पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाएं। सडक़ों पर देर तक जलने वाली लाइट बंद करें या करवाएं। विद्युत उपकरणों का समय समय पर रखरखाव करें।
  8. पेट्रोल एक महंगी प्राकृतिक संपदा है इसका पुनरूउत्पादन बहुत लंबा है। अत: इसका किफायती उपयोग करें। संभव हो तो पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग करें। एक ही दिशा में रहने वाले कर्मचारी एक साथ काम पर आए जाएए देर तक रुकना पड़े तो गाड़ी का इंजन बंद करें। गाड़ी की सर्विसिंग यथा समय करवा कर पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाएं ।
  9. पशु पक्षियों को जीने दे। इस पृथ्वी पर मात्र आपका ही नहीं बल्कि पशु पक्षियों का भी अधिकार है। अत: उनके आवास स्थलों पेड़ पौधों को नष्ट न करें। उनके दाना पानी का इंतजाम कर थोड़ी सहृदयता दिखाएं। बाल्टी में गाय बकरी कुत्ते आदमी के लिए वह सिकोरों में पक्षियों के लिए पानी का इंतजाम करें। गाय कुत्ते को रोटी दे पर पॉलिथीन समेत खाना न फेंके उनकी जान जा सकती है। प्राणी मात्र पर दया का भाव दिखाएं।
  10. घर का कचरा, सब्जी, फल, अनाज को पशुओं को खिलाएं।
  11. अन्न का दुरुपयोग ना करें, बचा हुआ खाना खराब होने से पहले गरीबों में बांटे।
  12. पॉलीथिन का उपयोग ना करें, सब्जी या सामान के लिए कपड़े की थैलियां गाड़ी में सदा साथ रखें।
    13 .यहां वहां थूक कर व मूत्र विसर्जन के लिए खड़े होकर अपनी सभ्यता व अशिक्षित होने का परिचय न दें।
  13. जन्मदिन पर औषधीय पौधे उपहार के रूप में दिए जावें।
  14. बच्चों के लिए पर्यावरण मित्र नुस्खे अपनाने को कहें, कागज की बर्बादी न करें। कागज के लिए हम वृक्ष काटते हैं। कागज की बचत से वृक्षों की सुरक्षा होती है। पैदल चले, साइकिल का उपयोग करें या बस से स्कूल जाए इससे ईंधन की बचत होती है एवं प्रदूषण घटता है। स्नान के समय एवं ब्रश करते समय पानी का कम उपयोग करें इससे पानी की बचत होती है। स्कूल में जैव बगीचा लगाएं एवं उसके लिए कंपोस्ट बनाएं। इससे आप प्राकृतिक संसाधनों के प्रभावशाली उपयोग को सीख सकते हैं। उपयोग न होने की स्थिति में बिजली के उपकरण बंद कर दें इससे बिजली की बचत होती है। डिब्बाबंद पदार्थों एवं डिस्पोजेबल्स का उपयोग कम कर कचरा घटाएं। आप अपना पर्यावरण स्वच्छ रख सकते हैं। वीडियो गेम टीवी के बजाय खेल का समय प्रकृति के साथ बिताए इससे आप ऊर्जा की बचत कर सकते हैंए साथ ही अधिक स्वस्थ रह सकते हैं। इससे सबसे महत्वपूर्ण यह है कि ऐसा करके आप स्वयं तथा नई पीढ़ी को प्रकृति पर्यावरण पानी व पेड़ पौधों का महत्व समझा सकेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published.