
भोपाल में विकसित किया गया ऑक्सीकॉन
जयपुर। वर्तमान में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के कारण ऑक्सीजन की मांग बहुत अधिक बढ़ गई है। इसके कारण ऑक्सीजन से जुड़े सभी सामानों की मांग भी बहुत अधिक बढ़ गई है। इसमें ऑक्सीजन कन्संट्रेटर भी शामिल है। ऑक्सीजन कन्संट्रेटर घर पर रहने वाले मरीजों और कम गंभीर मरीजों के काम आता है। अभी इसकी कीमत 80 हजार से 1.50 लाख रूपए के आस पास तक है।
इतनी बढ़ी हुई मांग को देखते हए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च भोपाल के इनोवेटर्स ने ऑक्सीजन कन्संट्रेटर ऑक्सीकॉन विकसित किया है, जो 3 लीटर प्रति मिनट की गति से ऑक्सीजन देता है। इसकी कीमत 20 हजार रूपए से भी कम है। इसकी तकनीक नॉन एक्सक्लूसिव एग्रीमेंट के अंतर्गत मैन्यूफैक्चरर्स को ट्रांसफर की जाएगी ताकि बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन हो। इसको बनाने वालों का दावा है कि इससे 95 प्रतिशत तक शुद्ध आक्सीजन की आपूर्ति की जा सकती है।
गांवों में मिलेगी राहत
ऑक्सीकॉन के उत्पादन और बिक्री शुरू होने पर ग्रामीण क्षेत्रों में काफी राहत मिलेगी। अधिक महंगा नहीं होने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य केंद्रों पर इनका उपयोग किया जा सकेगा। वहीं सक्षम ग्रामीण भी खरीद कर इसका उपयोग कर सकेंगे। साथ ही अधिक से अधिक दानदाता भी यह खरीद कर स्वास्थ्य केंद्रों में भेंट कर सकेंगे। भविष्य में उत्पादन अधिक होने से इसकी कीमत में और कमी लाई जा सकेगी।
इस समय है काफी मांग
इस समय कोरोना संक्रमण काफी अधिक होने के कारण आक्सीजन कन्संट्रेटर की मांग काफी अधिक बढ़ी हुई है। इसी को देखते केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से इसकी खरीद की जा रही है। साथ ही विदेशों से भी हजारों कन्संट्रेटर सहयोग के रूप में मिले है। इसके अलावा बहुत सी सामाजिक संस्थाएं और व्यक्तिगत रूप से भी आक्सीजन कन्संट्रेटर की खरीद की जा रही है। यह मरीजों को बचाने में काफी उपयोगी है। इसी को देखते हुए केंद्र सरकार की ओर से ऑक्सीकेयर सिस्टम भी खरीदे जा रहे है ताकि ऑक्सीजन की भी बचत की जा सके।