
जगदलपुर। छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से मुठभेड़ में सुरक्षा बलों के 22 जवान शहीद हो गए। यह मुठभेड़ सुकमा और बीजापुर की सीमा पर स्थित जंगलों में हुई। जवानों के शवों को वापस लाने और घायलों को मदद पहुंचाने के लिए वायुसेना के हेलिकॉप्टर लगे हैं, लेकिन आंधी व बारिश के कारण शवों को लाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई बार मौसम ज्यादा खराब होने से ऑपरेशन रोकना भी पड़ा। शहीद जवानों के शवों को जगदलपुर लाया जा रहा है।
घायल जवानों को लाया गया रायपुर
हमले में गंभीर घायल बलविंदर सिंह सीआरपीएफ, सोनू मंडावी एसटीएफ, बसंत झड़ी डीआरजी, लक्ष्मण हेमला डीआरजी, भास्कर यादव एसटीएफ, सूर्यभान सिंह सीआरपीएफ को रायपुर लाया गया है।
दिल दहलाने वाला है दृश्य
बीजापुर में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में 22 जवान शहीद हो चुके हैं। एक जवान लापता बताया जा रहा है। नक्सलियों से सुरक्षा बलों की पहली मुठभेड़ बीजापुर और सुकमा की सीमा पर टेकुलगुड़ा गांव में हुई थी। यहां कई जवान शहीद हुए। कई नक्सली भी मारे गए। गांव में अलग-अलग स्थानों पर सुरक्षा बलों के शव मिले हैं। शहीद हुए जवानों के शरीर से नक्सली कपड़े और जूते तक निकाल ले गए।
घटना के 24 घंटे बाद मुठभेड़ में शहीद हुए जवानों के शव बरामद किए जा सके हैं। नक्सलियों की बर्बरता का अंदाजा मुठभेड़ के बाद बरामद जवानों के शव देखकर लगाया जा सकता है। अब सीआरपीएफ ने नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब देने की रणनीति बना रही है. बीजापुर मुठभेड़ को लेकर मीडिया के साथ बातचीत के दौरान केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के डीजी ने यह संकेत दिया है। डीजी कुलदीप सिंह ने कहा कि बीजापुर मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों की ओर से माओवादियों को करारा जवाब दिया जाएगा। माओवादियों पर नकेल कसने के लिए पुलिस उनकी मांद में घुसेगी और बड़ी कार्रवाई करेगी। सीआरपीएफ के डीजी ने कहा कि जमीन से लेकर आसमान तक की कार्रवाई कर माओवादियों को नेस्तनाबूत करने तक यह ऑपरेशन चलाया जाएगा।