देश में सबसे आगे रहा उत्तर पश्चिम रेलवे, निर्धारित समय से पहले हासिल किया लक्ष्य

उत्तर पश्चिम रेलवे
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जयपुर। उत्तर पश्चिम रेलवे ने कोरोना आपदा के बावजूद अथक निर्माण कार्य कर रेल मंत्रालय द्वारा दिए गए लक्ष्यों को निर्धारित समय से पूर्व प्राप्त कर लिया है। यह उपलब्धि प्राप्त करने वाला सम्पूर्ण भारतीय रेल में पहला जोन बन गया है। उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी गौरव गौड़ ने बताया कि रोड ओवर ब्रिज, रोड अण्डर ब्रिज, समपार फाटकों के उन्मूलन के साथ-साथ नई लाइनें, आमान परिवर्तन तथा दोहरीकरण के क्षेत्र में निर्माण कार्य कर आनन्द प्रकाश, महाप्रबन्धक के मार्गदर्शन, अरूणा सिंह, अपर महाप्रबन्धक के नेतृत्व तथा सभी विभागाध्यक्षों व मण्डल रेल प्रबन्धकों के सहयोग से यह उपलब्धि प्राप्त की है।
जीएम आनन्द प्रकाश ने कोरोना महामारी के कारण यात्री रेल सेवाओं के संचालन में कमी को अवसर के रूप में लेते हुए निर्माण विभाग को लक्ष्य प्राप्त करने हेतु निर्देश दिये थे। अरूणा सिंह, अपर महाप्रबन्धक-उत्तर पश्चिम रेलवे के सहयोग से बृजेश गुप्ता, मुख्य प्रषासनिक अधिकारी-निर्माण के नेतृत्व में निर्माण संगठन ने अन्य विभागों से सामंजस्य स्थापित कर तीव्र गति से निर्माण कार्यों द्वारा 31 मार्च तक तय लक्ष्यों को समयपूर्व प्राप्त किया। उत्तर पश्चिम रेलवे को 15 रोड ओवर ब्रिज, 104 रोड अण्डर ब्रिज तथा 81 समपार फाटकों के उन्मूलन का लक्ष्य मिला था, जिसे उत्तर पश्चिम रेलवे ने फरवरी माह तक ही 17 रोड ओवर ब्रिज, 112 रोड अण्डर ब्रिज का निर्माण तथा 82 समपार फाटकों का उन्मूलन कर दिया। साथ ही 02 रोड अण्डर ब्रिज का निर्माण भी 31 मार्च तक कर लिया जाएगा।
इसी प्रकार दौसा-गंगापुरसिटी रेलखण्ड पर पिपलाई व गंगापुर सिटी के मध्य 24.72 किलोमीटर नई लाइन बिछाने का लक्ष्य मिला था, जिसका मुख्य संरक्षा आयुक्त द्वारा 09 मार्च को निरीक्षण पूरा कर लिया गया। उदयपुर-हिम्मतनगर परियोजना के अंतर्गत डूंगरपुर-रायगढ के मध्य 70.73 कि.मी. रेल लाइन का आमान परिवर्तन का लक्ष्य था, जिसे निर्धारित समय से काफी पहले पूर्ण कर लिया गया, जिसका मुख्य संरक्षा आयुक्त द्वारा 21 दिसम्बर 2020 को निरीक्षण पूरा कर लिया गया। अजमेर-बांगड़ग्राम परियोजना के अंतर्गत दौराई-अजमेर के मध्य 8.43 कि.मी. तथा बांगड़ग्राम-गुडिया परियोजना के अंतर्गत हरिपुर-सेंदड़ा के मध्य 19.00 कि.मी. के कुल 27.43 कि.मी. रेल लाइन के दोहरीकरण के कार्य का लक्ष्य 31 मार्च तक था, जिसमें से दौराई-अजमेर खण्ड के दोहरीकरण का मुख्य संरक्षा आयुक्त द्वारा 10 मार्च को निरीक्षण पूरा किया गया तथा अजमेर यार्ड के नॉन इण्टरलॉकिंग कार्य को पूरा कर यह खण्ड 20 मार्च से प्रारम्भ कर दिया गया। इसी प्रकार हरिपुर-सेंदड़ा खण्ड के दोहरीकरण का मुख्य संरक्षा आयुक्त द्वारा 11 मार्च को निरीक्षण पूरा किया गया तथा यह खण्ड 11 मार्च से ही प्रारम्भ कर दिया गया।

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