
समुद्री तट पर्यटकों की पसंदीदा जगह होती है। हर पर्यटक की इच्छा होती है कि वह बीच पर कुछ दिन या कुछ घंटों मौज-मस्ती और सैर सपाटा करे। ऐसी ही एक पर्यटकों की पसंदीदा जगह है गुजरात का डुमस बीच, जो कि सूरत शहर से २१ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। गुजरात आने वाले अधिकतर पर्यटक इस बीच का लुत्फ उठाना चाहते हैं, लेकिन इस बीच के बारे में डरावनी चर्चाएं सुनने के बाद लोगों के पसीने छूट जाते हैं।
स्थानीय लोगों के अनुसार इस बीच पर रूहों का बसेरा है। सूर्य अस्त होने के बाद अगर कोई इस बीच पर जाता है तो उसे चीखने चिल्लाने व रोने की आवाजें सुनाई देती हैं। अब इन बातों में कितनी सच्चाई है, यह तो वहां गए लोग ही बता सकते हैं।
डुमस बीच की रेत सफेद नहीं, काली
अरब सागर से लगा यह बीच सूरत से 21 किलोमीटर की दूरी पर है। समुद्र किनारे की रेत अक्सर पानी खारा होने के कारण सफेद होती है, लेकिन यहां की रेत सफेद नहीं बल्कि काली है। इस बीच का इतिहास किसी राजा या रानी की प्रेम कथा से नहीं जुड़ा है, न ही किसी युद्ध से। इस इलाके के लोगों के अनुसार कि सदियों पहले यहां पर भूत-प्रेतों ने अपना गढ़ बना लिया और इसके बाद ही यहां की रेत काली हो गई।
इस बीच से लगता हुआ शव दाहगृह है। यहां पर शव जलाए जाते हैं। लोगों का मनना है कि जिन लोगों की आत्माओं को मोक्ष प्राप्त नहीं होती है, या जिनकी असमय मृत्यु हो जाती है, उनकी रूह इस बीच पर अपना निवास बना लेती हैं।
एक बार सुनी रोने की आवाजें
सूरत के रहने वाले एक व्यक्ति का कहना है कि वह दो बार ही डुमस बीच गया। वहां अपने दोस्तों के साथ रात को थोड़ा समय भी बिताया। पहली बार रात बितायी तो ऐसा लगा कि कोई वहां समुद्र किनारे बैठा रो रहा है। सिसकने की आवाज़ सुनाई दी। लेकिन वह एक साल बाद दूसरी बार गया, तो ऐसा कुछ नहीं लगा। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि लोगों ने इस स्थान के बारे कुछ ज्यादा ही अफवाहें फैला रखी हैं।