टीका लगवाने के लिए नहीं करवानी होगी बार-बार बुकिंग

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कोविन में अब टीकाकरण सत्र को दुबारा तय करने का फीचर भी शामिल


टीके की आपूर्ति को रखना होगा ध्यान
जयपुर.
केंद्र सरकार 18 वर्ष और उसके ऊपर के सभी लोगों सहित स्वास्थ्य और अग्रिम मोर्चे के कर्मियों को प्राथमिकता के आधार पर टीके लगाने सम्बंधी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रयासों को समर्थन देती है। कोविन को देश में एक ऐसे प्लेटफार्म के तौर पर विकसित किया गया है जिसके तहत टीकाकरण को व्यवस्थित किया जाए।
कोविन प्लेटफार्म में ऑनलाइन और मौके पर पंजीकरण की सुविधा देता है। उसके जरिये निर्धारित समय-तारीख को बदला जा सकता है तथा उसमें कोविड-19 टीकाकरण के दौरान लाभार्थी को प्रमाणपत्र देने की प्रक्रिया शामिल है।
कोविन पोर्टल पर स्लॉट की उपलब्धता जिला टीकाकरण अधिकारीटीकाकरण स्थल के इंचार्ज द्वारा दी जाने वाली टीकाकरण समयसारिणी पर आधारित होता है। इसके मद्देनजर टीके की उपलब्धता को ध्यान में रखा जाता है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी जाती है कि वे टीके की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुये टीकाकरण की सूचना दें। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे मौके पर पंजीकरण करवाने वाले लोगों की अपेक्षाकृत ऑनलाइन पंजीकरण करवाने वाले लोगों को प्राथमिकता दें।
ऐसा देखा गया है कि कुछ मामलों में जिला टीकाकरण अधिकारी टीका लगाने की समयसारिणी जारी कर देते हैंए जबकि टीके की आपूर्ति कम हो पाती है। लिहाजा जिला टीकाकरण अधिकारी को या तो वह समयसारिणी रद्द करनी पड़ती है या लाभार्थी को लौटा देना पड़ता है। इससे लाभार्थियों को बेशक असुविधा होती है जिन्होंने उक्त टीकाकरण केंद्रों सत्रों के लिये बुकिंग करा रखी है।
इस समस्या के निराकरण के लिये कोविन में अब टीकाकरण की समयसारिणी में बदलाव का फीचर भी उपलब्ध करा दिया गया हैए ताकि जिला टीकाकरण अधिकारी को सत्र न रद्द करना पड़े। ऐसे प्रावधानों को भी जोड़ा गया है कि किसी सत्र के लिये पहले से की बुकिंग भी सत्र के बदलने पर वह भी अपने आप बदल जायेगी। इस सुविधा से लाभार्थियों को दोबारा बुकिंग करवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। लाभार्थियों को एसएमएस के जरिए भी सूचित कर दिया जायेगा कि उनके टीकाकरण सत्र का समय व तारीख बदल गई है। इस प्रणाली में लाभार्थियों के लिये टीका लगवाने का समय व तारीख बदलने बुकिंग रद्द कराने का विकल्प भी है।

टीकाकरण प्रमाणपत्र मौके पर ही होगा अपडेट

कोविन प्लेटफार्म ऑनलाइन और मौके पर पंजीकरण की सुविधा देता है। उसके जरिये निर्धारित समय तारीख को बदला जा सकता है तथा उसमें कोविड-19 टीकाकरण के दौरान लाभार्थी को प्रमाणपत्र देने की प्रक्रिया भी शामिल है।
लाभार्थी चाहे कोविन के जरिये ऑनलाइन पंजीकरण कराये या मौके पर जाकर अहम बात यह है कि लाभार्थी को टीका लगाने के बाद उसकी जानकारी कोविन पर उसी दिन अपडेट कर दी जाये जिस दिन लाभार्थी को टीका लगाया गया। अगर उसी दिन स्थिति को अपडेट करना संभव नहीं हो पाता तो उस सत्र की डाटा एंट्री कोविन पोर्टल पर अगले दिन शाम के पांच बजे तक की जा सकती है। इस तरह अगले दिन भी टीकाकरण के बारे में डाटा एंट्री करने का विकल्प है। यह सुविधा इसलिये दी गई है ताकि टीकाकरण के आंकड़ों के बैकलॉग की समस्या दूर हो सके।
कोविड-19 टीकाकरण प्रमाणपत्र का वेबलिंक भी एसएमएस द्वारा लाभार्थी को दिया जा रहा है। लाभार्थी जब टीका लगवा लेगा और कोविन पोर्टल पर उसकी जानकारी चढ़ा दी जायेगी तो उसके बाद उसे एसएमएस द्वारा प्रमाणपत्र की सूचना भेज दी जायेगी। केंद्र सरकार समय समय पर सलाह जारी करती रही है कि टीकाकरण प्रमाणपत्र सभी लाभार्थियों को उसी दिन दे दिया जाये। टीकाकरण केंद्र से वापसी के पहले लाभार्थी को प्रमाणपत्र मिल जाना चाहिये।
कोविड.19 टीकाकरण प्रमाणपत्र को कोविन पोर्टल या आरोग्य सेतु उमंग मोबाइल ऐप से भी डाउनलोड किया जा सकता है। इसे हर खुराक के बाद हासिल किया जा सकता है। पहली खुराक के बाद अस्थायी प्रमाणपत्र और दूसरी खुराक के बाद अंतिम प्रमाणपत्र प्राप्त किया जा सकता है। यह संभव है कि लाभार्थी के टीकाकरण की स्थिति को टीका लगाने वाले व्यक्ति द्वारा उसी दिन अपडेट न किया गया हो। इसके कारण लाभार्थी को कोविन प्रणाली पर टीकाकरण प्रमाणपत्र नहीं मिलेगा। इसका निराकरण करने के लिये कोविन प्रणाली पर जल्द इससे सम्बंधित फीचर उपलब्ध हो जायेगा ताकि ऐसी गलती न हो। बहरहाल नागरिकों को भी सलाह दी जाती है कि वे वैक्सीन की खुराक लेने के बाद एसएमएस द्वारा उसकी पुष्टि के लिये सजग रहें। पुष्टि होने का मतलब है कि टीका लगाने वाले व्यक्ति ने लाभार्थी की जानकारी अपडेट कर दी है। लोगों को यह सलाह भी दी जाती है कि वे प्रमाणपत्र के लिये जो लिंक एसएमएस में दिया गया है उसकी भी जांच कर लें या कोविन पोर्टल पर लॉग.इन करके देख लें। अगर प्रमाणपत्र में कोई त्रुटि नजर आये तो फौरन टीकाकरण करने वाले व्यक्ति को बतायें। वह उस गलती को ठीक कर देगा।

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