छोटे विद्यालय संचालकों की मदद के लिए बनेगा कोष

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राजस्थान प्राइवेट एजुकेशन महासंघ की वर्चुअल बैठक


मदनगंज-किशनगढ़.

राजस्थान प्राइवेट एजुकेशन महासंघ की प्रदेश कमेटी की वर्चुअल बैठक सोमवार रात संपन्न हुई। बैठक मूल रूप से विद्यालय संचालकों के समक्ष आने वाले सत्र की चुनौतियों के संदर्भ एवं महासंघ के सांगठनिक ढाँचे से सम्बंधित बिंदुओं पर केंद्रित रही। आरपीईएम प्रदेश कमेटी के पदाधिकारियों एवं सक्रिय सदस्यों ने बैठक में संगठन की संरचना के महत्वपूर्ण स्तरों पर विचार विमर्श सहित विशेषकर कोविड महामारी के दौर में विद्यालय संचालकों के समक्ष उत्पन्न गम्भीर संकट में संगठन की भूमिका एवं कार्यभारों को लेकर प्रस्ताव लिए गए एवं कार्य योजना भी बनाई गई। महामारी के दौर में विद्यालयों के बंद पड़े होने के कारण छोटे विद्यालय संचालकों को आपातकालीन मदद एवं अन्य आर्थिक पक्षों की मजबूती के लिए आरक्षित कोष बनाने का निश्चय हुआ। बैठक में प्रदेश के विभिन्न संभागोंए जिलाए एवं ब्लॉक्स की इकाइयों द्वारा संबंधित स्थानीय विद्यालय संचालकों की समस्याओं के निराकरण के लिए नैतिक तौर पर संगठित होने एवं आगामी भविष्य में अभिभावकों के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करते हुए विद्यालय संचालन के मुद्दों पर भी चर्चा की गई।

परीक्षा शुल्क लौटाए सरकार

कोविड के दुष्प्रभाव के कारण केन्द्र एवं राज्य सरकार ने 10वीं और 12वी कक्षाओं की सीबीएसईआरबीएसई बोर्ड की परीक्षा रदद करने का जो निर्णय लिया है। वो गलत है। क्योंकि पूर्व वर्ष के दौरान भी कोविड 19 में 10 वीं और 12 वी की परीक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित की गई। परीक्षा निरस्त होने से विद्यार्थी का मूल्यांकन नही किया जा सकता। ऐसी स्थिति में विद्यार्थी जब अन्य विद्यालय और महाविद्यालय में प्रवेश लेगा तो उनका मूल्यांकन किस आधार पर किया जायेगा। सरकार चाहे मूल्यांकन का आधार कैसे भी निकाल ले। लेकिन वास्तविक मूल्यांकन नही किया जा सकता। सरकार ने जब परीक्षाएं निरस्त कर दी तो विद्यार्थी का परीक्षा शुल्क लेने का क्या औचित्य है। सरकार को ऑनलाईन-ऑफलाईन परीक्षा आयोजित करनी चाहिए ताकि विद्यार्थी के दोनो परीक्षाओं मे से एक परीक्षा होने से विद्यार्थी का मूल्यांकन भी किया जा सकता है। जब सरकार की मंशा नहीं है तो महासंघ सरकार से मांग करता है कि इस कोविड 19 के दौरान अभिभावकों की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए परीक्षा शुल्क सरकार को लौटाना चाहिए।

किया जाएगा ऑनलाइन शिक्षण

ग्रामीण और शहरी क्षेत्रो में संचालित निजी शिक्षण संस्थाओं में अध्ययनरत सीबीएसई, आरबीएसई से सम्बन्धित हिन्दी-इंग्लिश माध्यम विद्यार्थियों को सरकारी स्कूलों के तर्ज पर महासंघ ने इस वर्ष प्रदेश के सभी निजी विद्यालय के विद्यार्थियों को एक्सपर्ट अध्यापकों द्वारा ऑनलाईन नि:शुल्क शिक्षा महासंघ द्वारा निर्णय लिया है। नि:शुल्क ऑनलाईन शिक्षा से प्रदेश में अधिक से अधिक मध्यम और निम्न स्कूलें भी लांभावित होगी ताकि निजी स्कूलों में पढने वाले विद्यार्थी नि:शुल्क शिक्षा से लाभांवित हो सके।

आरटीई का हो भुगतान

महासंघ ने सरकार से मांग की है कि आरटीई सत्र 2020.21 की पुनर्भरण राशि का भुगतान बिना सत्यापन के शपथ पत्र के आधार पर 30 जून तक भुगतान किया जाये। कोविड 19 के दौरान प्रदेश में कई स्कूलें आर्थिक स्थिति के कारण बन्द हो गई है। निजी स्कूलों को आरटीई के भुगतान से आर्थिक संबल मिलेगा।
महासंघ ने सरकार से मांग की है कि प्रदेश की गैर शिक्षण संस्थाओं को आरटीई के पोर्टल को अपडेट करने के लिए कोविड-19 के दौरान सब स्कूलें बन्द है ऐसी स्थिति में इसकी तिथि 31 जून तक बढाई जाये ताकि प्रदेश की सभी स्कूलें आरटीई के पोर्टल को अपडेट कर सके। महासंघ ने सरकार से ये भी मांग की है कि कोविड.19 को देखते हुए दो वर्षो से प्रदेश की अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रो में स्कूल बसे खडी हुई है। इस कोरोना काल में आर्थिक स्थिति से गुजर रहे संचालको की बसों का फिटनेस को माफ किया जाए।

यह हुए शामिल

चर्चा में हिस्सा लेते हुए प्रदेश महामंत्री नरेंद्र अवस्थी, प्रदेश संयोजक हेमेंद्र बारोठिया, वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजय तिवाड़ी, हरिशंकर पारीक, जयपुर सम्भागाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह राठौड़, रामनिवास गुर्जर, कैलाश शर्मा, मोहम्मद इकबाल, महेंद्र मीणा, दीपक भार्गव, रामवीर डागुर, रेणुदीप गौड़, बृजेश वैष्णव, बीएल तोलंबिया, करण कटारिया, विरेन्द्र सिंह, तेजराज वैष्णव, जीतेन्द्र जोशी, उदयपुर सम्भागाध्यक्ष मनोज कुमार मंडेला, एस एन जोशी, हेमचन्द्र रांका, अजमेर से संजय मिश्रा, अशोक कश्यप एवं कैलाश शर्मा, महिला महासचिव संतोष पारीक, सुनीता शर्मा, ईश्वरसिंह आदि के पदाधिकारियों ने बैठक में हिस्सा लिया। प्रदेश आईटी प्रभारी महेंद्र मीणा ने संगठन द्वारा ऑनलाइन शिक्षण के लिए संगठन द्वारा विकसित किए जा रहे ऐप की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। बैठक की अध्यक्षता प्रदेशाध्यक्ष कैलाश शर्मा एवं संचालन प्रदेश संगठन मंत्री रेणुदीप गौड़ द्वारा किया गया।

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