
महाराष्ट्र में भाजपा ने किया लॉकडाउन की योजना का विरोध
जयपुर। देश में तेजी से बढ़ते कोरोना केस देशवासियों की चिंता का कारण बन गए है। चिंता का कारण यह है कि कहीं लॉकडाउन नहीं लग जाए। वैक्सीनेशन के कारण लापरवाही और राजनीतिक दलों एवं जनता की ढिलाई के कारण कोरोना ने बाउंस बैक कर दिया है। इससे समस्या बढ़ गई है।
अकेले महाराष्ट्र में ही 40414 केस मिले
देशभर में 68 हजार से अधिक कोराना केस मिले है और 291 की मौत हो चुकी है। वहीं अकेले महाराष्ट्र में ही 40414 केस मिले है। कर्नाटक में 3082, पंजाब में 2870 केस है। अकेले इन तीन राज्यों के केस ही देश के कुल केसों की संख्या के 84 प्रतिशत है। कोरोना के नए वेरियंट भी खतरनाक बताए जा रहे है। कोरोना की दूसरी लहर को पहले से अधिक खतरनाक बताया जा रहा है। महाराष्ट्र में सबसे अधिक केस को देखते हुए वहां की राज्य सरकार ने लॉकडाउन लागू करने की योजना बनाई है वहीं विपक्षी भाजपा ने आगामी 2 अपै्रल से लॉकडाउन लगाए जाने की योजना का विरोध किया है। भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने लॉकडाउन लागू करने का विरोध करते हुए व्यापारियों को पैकेज दिए जाने की मांग की है। वहीं मध्यप्रदेश के भी कई राज्यों में सप्ताह के अंत में लॉकडाउन लागू किया जा चुका है।
राजस्थान में 902 केस
राजस्थान में भी कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे है। इसके कारण लोगों की चिंता बढ़ती ही जा रही है। इससे एक तो लोग अपने स्वास्थ्य, अगले महीने होने वाली शादियों और निजी क्षेत्र में काम करने वाले लोग अपने रोजगार को चिंतित है। हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लॉकडाउन का विरोध करते हुए कहा है कि इससे रोजगार का नुकसान होता है। जयपुर में 29 मार्च को 135 केस सहित राजस्थान में 902 केस पाए गए है। राजस्थान के कई शहरों में रात का कफ्र्यू लागू किया जा चुका है और धारा 144 भी आगे बढ़ा दी गई है। कोरोना के केस कम नहीं हुए तो कफ्र्यू का समय और आंशिक लॉकडाउन देखने को मिल सकता है।
गौरतलब है कि गत वर्ष हुए लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचा था। निजी क्षेत्र में तो करोड़ो लोग बेरोजगार हो गए थे। मजदूरों का पलायन देखकर दुनिया हतप्रभ रह गई थी। इस कारण बहुत से लोग तो अभी तक उभर नहीं सके है।