खेती और किसानों को बचाए सरकार-सांसद भागीरथ चौधरी

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बजट सत्र में तारांकित प्रश्न के उत्तर में पूरक प्रश्न के माध्यम से सांसद भागीरथ चौधरी ने रखी मांग
अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी ने लोकसभा बजट सत्र के दौरान तारांकित प्रश्न के माध्यम से देश के ग्रामीण विकास की प्रमुख मनरेगा योजना के तहत देश के सभी राज्यों में गत तीन वर्षो में हुए कच्चे एवं पक्के विकास कार्यों एवं लागत राशि की जानकारी मांगी। उन्होंने किसानों को राहत प्रदान करने की दृष्टि से खेतों में मेड़बन्दी एवं बाड़ लगाने से सम्बन्धित राजस्थान प्रदेश के लाभार्थियों की जिलेवार सूचना मांगी और योजना में हो रही मशीनों के उपयोग का ब्यौरा भी मांगा।
केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने प्रश्न के जवाब में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारन्टी योजना के तहत स्वीकृत 262 कार्यों में से 182 प्रकार के कार्य प्राकृतिक संसाधन प्रबन्धन तथा 85 जल से सम्बन्धित कार्यों की जानकारी दी। प्रदेश में मनरेगा के तहत गत तीन वर्षों में व्यक्तिगत लाभार्थियों के लिए 6888 कार्योे के लिाए लगभग 66 करोड रूपये की राशि से समोच्च बांध और समोच्च खाईयों का निर्माण किया गया है। साथ ही इस योजना के तहत कार्यकारी एजेंसियों के द्वारा शारीरिक श्रम का उपयोग ही किया जाना बताया। उन्होंने आश्वस्त किया कि श्रमिकों के स्थान पर किसी भी प्रकार की मशीन का उपयोग नहीं किया जाएगा। साथ ही कहा कि कुछ कार्यकलाप ऐसे हैं, जिन्हें शारीरिक श्रम की सहायता से नहीं किया जा सकता है उन कार्यो की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए मशीनों का प्रयोग आवश्यक हो जाता है तो विभागीय स्तर पर मनरेगा की अनुसूचि 1 के पैरा 4 में अंकित 6 प्रकार के कार्य हेतु स्वीकृत मशीनों का उपयोग स्वीकार्य है।

सांसद चौधरी ने पूरक प्रश्न पूछते हुए कहा कि क्या सरकार मनरेगा के तहत व्यक्तिगत कार्यो की श्रेणी में कृषि कार्यो को जोडक़र किसानों को सहज श्रमिकों की उपलब्धता करा कर राहत प्रदान करने की मंशा रखती है, ताकि मजदूरों को मजदूरी मिल जाए एवं किसानों की खेती बच जाए। इसमें योजना बनाकर सरकार आधा पैसा मनरेगा में तो आधा पैसा लाभान्वित होने वाले किसान से दिलाकर योजना को क्रियान्वित किया जा सकता है। इसके साथ ही चौधरी ने श्रेणी बी के तहत व्यक्तिगत लाभ के कार्यो की श्रेणी में एससी, एसटी, बीपीएल, विधवा, विकलांग के अलावा अन्य वर्गो जैसे लघु कृषक एवं सीमान्त कृषकों को सम्मिलित करने एवं होर्टिकल्चर कार्यों को भी सम्मिलित कराने की मांग केन्द्रीय कृषि मंत्री तोमर से की। इस पर तोमर ने सकारात्मक सहयोग का आश्वासन देते हुए उचित विभागीय कार्यवाही कराने की बात कही।

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