खिलौने हैं या बच्चोँ की मौत का सामान

Spread the love

विदेशों से आयात होने वाले खिलौनों में रसायन की मात्रा अधिक

सत्येन्द्र शर्मा

जयपुर, 28 मार्च
भारत में विदेशों से आने वाले खिलौनों में जहरीले रसायन पाए गए है। इन आयातित खिलौनों से बच्चों को बचाना बहुत जरूरी है। कुछ समय पूर्व ही क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया ने दिल्ली एनसीआर के बाजारों में मिलने वाले 121 तरह के खिलौनों का परीक्षण किया था। इसमे 41.3 प्रतिशत सैंपल मेकेनिकल जांच में फेल हो गए। सैंपल फैलाइट केमिकल जांच में 3.3 प्रतिशत, सैंपल मेकेनिकल और फैलाइट जांच में 12.4 प्रतिशत, सैंपल ज्वलनशीलता जांच में 7.4 प्रतिशत फेल हो गए। इन खिलौनों से बच्चे चोटिल हो सकते थे और यह त्वचा संबंधी रोगों का कारण भी बन सकता है। यह खिलौने स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है।

विदेशी खिलौनों में थैलेटस नाम का जहरीला रसायन

इससे पहले गैर सरकारी संगठन सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट की एक रिपोर्ट आई थी। इस रिपोर्ट में पाया गया कि भारत में विदेशों से आयात होने वाले खिलौनों में थैलेटस नाम का जहरीला रसायन मिला है। अमरीका और यूरोप में तो यह प्रतिबंधित भी है। बच्चा जब इन खिलौनों को मुंह में डालता है तो थैलेटस की वजह से रिप्रोडक्टिव डिसआर्डर, फेफड़े खराब होना, हड्डिया कमजोर होने के साथ सांस की बीमारी हो सकती है। प्रयोगशाला में परीक्षण के बाद तैयार हुई भारतीय गुणवत्ता परिषद की एक रिपोर्ट बताती है कि विदेशों से आयातित लगभग 67 प्रतिशत खिलौने गुणवत्ता परीक्षण में फेल हो रहे है। जांच में यह बात भी सामने आई है कि आयातित खिलौनों में लेड, आर्सेनिक जैसे खतरनाक हैवी मेटल होते है।
इसको देखते हुए केंद्र सरकार ने भारत में मिलने वाले खिलौने बच्चों के स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहतर हो। इसके लिए ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआईएस) का सर्टिफिकेशन अनिवार्य किया गया। इसके साथ ही देश में भी पर्यावरण के अनुकूल खिलौनों के निर्माण को प्रोत्साहन देने की पहल की गई है। इससे देश के बच्चों को विदेशों से आयात होने वाले खतरनाक खिलौनों से बचाने मेें मदद मिलेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *