
अहमदाबाद मेें हुई है एक गुप्त मुलाकात
संकट में उद्धव सरकार
जयपुर। महाराष्ट्र में मुंबई के पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह की चिट्ठी वहां की सरकार के लिए खतरनाक मिसाइल बन गई है। महाराष्ट्र सरकार इसका तोड़ नहीं ढूंढ पा रही है और उससे बचने के लिए इधर उधर भाग रही है। गृहमंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ महीने की वसूली के आरोप ने महाअघाड़ी सरकार को बुरी तरह से हिला कर रख दिया है। वहीं अहमदाबाद में हुई एक गुप्त मुलाकात से कई कयास लगने लगे है।
इस मुलाकात ने महाराष्ट्र सरकार के बारे में संशय बढ़ा दिया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल ने भाजपा के चाणक्य माने जाने वाले गृहमंत्री अमित शाह से अहमदाबाद में एक गुप्त मुलाकात की है। यह मुलाकात देश के एक बहुत बड़े उद्योगपति के घर पर हुई है। उल्लेखनीय है कि पवार भी राजनीति के चाणक्य माने जाते है और पहले भाजपा को पटखनी दे चुके है। अब दोनों चाणक्यों की इस मुलाकात में क्या बातचीत हुई यह तो सामने नहीं आया, लेकिन इससे महाराष्ट्र सरकार के भविष्य पर कयास लगने शुरू हो गए है।
महाराष्ट्र में 2019 में चुनाव हुए थे। वर्तमान में वहां सबसे अधिक भाजपा के 105 विधायक है। शरद पवार की पार्टी एनसीपी के 54 विधायक है। शिवसेना के 56 और कांगे्रस के 44 विधायक है। इसके साथ 11 छोटे दलों के विधायकों के साथ ही 13 निर्दलीय विधायक भी है। अब अगर एनसीपी बीजेपी के साथ आ जाती है तो महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार बनना तय है।
गौरतलब है कि मुंबई में मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के सामने कार में जिलेटिन की छड़े रखने के मामले ने तूल पकड़ लिया और भारतीय राजनीति की सच्चाई को भी सामने ला दिया है। किस तरह पुलिस अधिकारियों और अन्य अधिकारियों का इस्तेमाल नेता पैसा वसूलने के लिए करते है। अब एनआईए की जांच में मुंबई की मीठी नदी से कई सामान बरामद हुआ है। एनआईए आधुनिक उपकरणों से इसकी जांच कर रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को प्रस्तुत करेगी और गृहमंत्री अमित शाह है। यानि की महाराष्ट्र सरकार की चाबी अमित शाह के पास धीरे-धीरे पहुंच रही है। जो शिवसेना पहले इंस्पेक्टर सचिन वांझे की वकालात कर रही थी वह भी अब उसकी आलोचना कर रही है। इससे लग रहा है कि महाराष्ट्र में बड़ा खेल होने वाला है।