कोरोना रोगियों के लिए उपयोगी है आक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर

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उपयोग के लिए’जरूरी है चिकित्सक की सलाह
जयपुर।
देश में कोरोना की दूसरी लहर के कारण ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटरों की मांग बढ़ गई है। इसके उपयोग के लिए चिकित्सक की सलाह जरूरी है।
तो जाने कि वास्तव में ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर क्या होते हैं उनकी कब आवश्यकता होती है और उनका उपयोग कैसे किया जाता है या कैसे नहीं किया जाता। जीवित रहने के लिए हमें ऑक्सीजन की लगातार आपूर्ति की आवश्यकता होती है, जो हमारे फेफड़ों से शरीर की विभिन्न कोशिकाओं में प्रवाहित होती है। कोविड-19 एक श्वसन रोग है, जो हमारे फेफड़ों को प्रभावित करता है और जिससे शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा खतरनाक स्तर तक गिर सकती है। ऐसी स्थिति में शरीर में ऑक्सीजन के स्तर को चिकित्सकीय रूप से स्वीकार्य स्तर तक बढ़ाने के लिए हमें ऑक्सीजन का उपयोग करके चिकित्सकीय ऑक्सीजन थैरेपी देने की जरूरत पड़ती है।

सेचुरेशन है मापदंड

शरीर में ऑक्सीजन का स्तर ऑक्सीजन सेचुरेशन के रूप में मापा जाता है, जिसे संक्षेप में एसपीओ-टू कहते हैं। यह रक्त में ऑक्सीजन ले जाने वाले हीमोग्लोबिन की मात्रा का माप है। सामान्य फेफड़ों वाले एक स्वस्थ व्यक्ति की धमनी में ऑक्सीजन सेचुरेशन 95 प्रतिशत से 100 प्रतिशत का होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के पल्स ऑक्सीमीट्री पर बनाए गये प्रशिक्षण मैनुअल के अनुसार यदि ऑक्सीजन सेचुरेशन 94 प्रतिशत या उससे कम हो तो रोगी को जल्द इलाज की जरूरत होती है। यदि सेचुरेशन 90 प्रतिशत से कम हो जाय तो वह चिकित्सकीय आपात स्थिति मानी जाती है।

कैसे काम करता है ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर

ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर एक सरल उपकरण हैं जो ठीक वही करता हैं जो इसके नाम से व्यक्त होता है। ये उपकरण वायुमंडल से वायु को लेते हैं और उसमें से नाइट्रोजन को छानकर फेंक देते हैं तथा ऑक्सीजन को घना करके बढ़ा देते हैं। ये ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर शरीर के लिए जरूरी ऑक्सीजन की आपूर्ति में उसी तरह से करते हैं जैसे कि ऑक्सीजन टैंक या सिलेंडर। एक केन्युला प्रवेशनी ऑक्सीजन मास्क या नाक में लगाने वाली ट्यूबों के जरिये। अंतर यह है किए जबकि सिलेंडरों को बार बार भरने रिफिल की जरूरत पड़ती है। ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर चौबीसों घंटे सातों दिन काम कर सकते हैं।

कौन कर सकता है उपयोग

क्या इसका मतलब यह है कि जो भी अपने ऑक्सीजन के स्तर को स्वीकार्य स्तर से नीचे पाता है वह एक कॉन्सेंट्रेटर का उपयोग कर सकता है और खुद की मदद कर सकता है जवाब है बिलकुल नहीं। कॉन्सेंट्रेटर के सही उपयोग पर पीआईबी से बात करते हुए बी जे मेडिकल कॉलेज पुणे के एनेस्थीसिया विभाग के प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष प्रो. संयोगिता नाइक ने कहा कि ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर का उपयोग केवल कोविड-19 के सीमित मामलों में किया जा सकता है। वह भी जब रोगी ऑक्सीजन के स्तर में गिरावट का अनुभव करता है और उसकी बाहर से ऑक्सीजन लेने की आवश्यकता अधिकतम 5 लीटर प्रति मिनट होती है। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर पोस्ट कॉविड जटिलताओं का सामना करने वाले रोगियों के लिए भी बहुत उपयोगी होते हैं जिन्हें ऑक्सीजन थेरेपी की आवश्यकता होती है।

स्वयं नहीं कर सकते है इस्तेमाल

उत्तर है बिलकुल नहीं। 30 अप्रैल को पीआईबी द्वारा आयोजित एक वेबिनार में बोलते हुए सेंट जॉन मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल बैंगलोर के कोविड कोऑर्डिनेटर डॉ. चैतन्य एच बालाकृष्णन ने यह बहुत स्पष्ट किया कि बिना चिकित्सीय मार्गदर्शन के ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर का उपयोग करना अत्यंत हानिकारक हो सकता है। कोविड-19 से पैदा हुए न्यूमोनिया में 94 प्रतिशत से कम ऑक्सीजन सेचुरेशन वाले रोगियों को ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर से पूरक ऑक्सीजन दी जाने से लाभ हो सकता है। मगर तभी तक जब तक कि वे अस्पताल में नहीं भर्ती हो जाते। हालांकि बिना उपयुक्त चिकित्सकीय सलाह के इसका इस्तेमाल करने वाले मरीजों के लिए ऐसा करना हानिकारक हो सकता है। डॉ. चैतन्य ने कहा जब तक आपको अस्पताल में बिस्तर नहीं मिलता तब तक ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर फायदेमंद हो सकता है लेकिन निश्चित रूप से वक्ष चिकित्सक या आंतरिक चिकित्सा विशेषज्ञ से मार्गदर्शन के बिना नहीं। यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि मरीज के फेफड़ों की हालत पहले से कैसी है। क्षमता के आधार पर ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर की कीमत 30000 रुपए से ऊपर होती है।

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