कोरोना महामारी में काम आ रही हैं सरकारी तेल कंपनियां

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खरीद रही हैं ऑक्सीजन के लिए अतिरिक्त कंटेनर्स और सिलेंडर

जयपुर। विनिवेश के नाम पर जिन कंपनियों को बेचने की योजना थी, देश पर आए इस संकट के समय वही सरकारी तेल कंपनियां आगे आई हंै। यह कंपनियां तरल ऑक्सीजन की ढुलाई को आसान बनाने के लिए मदद उपलब्ध करा रही हैं। इन कंपनियों की ओर से अतिरिक्त आईएसओ कंटेनर्स और सिलेंडर की खरीद के लिए ऑर्डर जारी किए गए है।
केंद्र सरकार के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अधीन सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एवं गैस कंपनियां देश के लिए अपने उत्तरदायित्व को निभाते हुए कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से राष्ट्र की लड़ाई में पूरे मनोयोग से सहायता कर रही हैं। इस क्रम में पीएसयू कंपनियां तरल ऑक्सीजन की ढुलाई को और बेहतर करने की दिशा में विशेष रूप से कार्य कर रही हैं।

बढ़ जाएगी कंटेनरों की संख्या

इस समय 12 टैंकर और 20 आईएसओ कंटेनर सेवा में हैं, जिनकी क्षमता 650 मीट्रिक टन है। इन आंकड़ों में इस महीने के आखिर तक व्यापक वृद्धि होने की संभावना है, क्योंकि इस महीने की आखिर तक टैंकरों की संख्या बढकऱ 26 और आईएसओ कंटेनर की संख्या बढकऱ 117 हो जाएगी, जिनकी कुल क्षमता 2314 मीट्रिक टन होगी। 95 आईएसओ कंटेनर्स खरीदे जा रहे हैं, जिनकी कुल क्षमता 1940 मीट्रिक टन होगी। 30 आईएसओ कंटेनर के लिए पहले ही आर्डर जारी किए जा चुके हैं, जिनकी क्षमता 650 मीट्रिक टन की होगी जबकि बाकी के आईएसओ कंटेनर्स के लिए मोलभाव के लिए बातचीत की प्रक्रिया जारी है।

खरीदे जाएंगे 10 हजार सिलेंडर

40-50 लीटर क्षमता वाले 10 हजार ऑक्सीजन सिलेंडर की खरीद के लिए ऑर्डर जारी कर दिए गए हैं। 300 बड़े सिलेंडर होंगे, जिनकी क्षमता 150 से 500 लीटर और 150 से 450 लीटर होगी। इन सिलेंडर की आपूर्ति जल्द शुरू होने की संभावना है। यह कंपनियां तरल ऑक्सीजन भी आयात कर रही हैं। बहरीन, यूएई, सऊदी अरब, कुवैत और थाईलैंड से 900 मीट्रिक टन तरल ऑक्सीजन का आयात किया जा रहा है, जो इन देशों की तरफ से सहायता के तौर पर दिया जा रहा है। इसकी पहली खेप पहले ही भारत पहुंच चुकी है। दूसरी खेप भी जल्द ही भारत आ जाएगी। इसके अलावा 12840 मीट्रिक टन तरल ऑक्सीजन का आयात वाणिज्यिक आधार पर किया जा रहा है। इसे मिलाकर कुल ऑक्सीजन का आयात 13740 मीट्रिक टन के आंकड़े तक पहुंच जाएगा।

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