कोरोना ने याद दिलाए दादी-नानी के नुस्खे

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देश में बढ़ रही कोरोना संक्रमितों की संख्या को देखते हुए लोग हर तरह से इससे बचाव के प्रयास में लगे हैं। इसके लिए मास्क, दो गज दूरी आदि पर तो ध्यान दिया ही जा रहा है। साथ ही लोग दादी-नानी के नुस्खों को भी आजमा रहे हैं, जिससे कि कोरोना को मात देने के लिए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाई जा सके। इसके लिए आयुर्वेद के काढों का भी सहारा लिया जा रहा है। इसके लिए लोग विभिन्न प्रकार के देसी नुस्खों से घर पर काढे तैयार करने के अलावा पंसारी की दुकान से बने-बनाए काढ़े भी खरीद रहे हैं।
इसके लिए लोग आयुर्वेद के जानकारों और वैद्यों से भी संपर्क साध रहे हैं। साथ ही सोशल मीडिया के जरिए भी लोग शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए सुझाव मांगने के साथ अपने अनुभव साझा कर रहे हैं।

नीम गिलोय और सरसों का तेल

इस दौरान कोई नाक में सरसों का तेल लगाने की सलाह दे रहा है तो कोई नीम गिलोय का काढ़ा सेवन करने की बात कह रहा है। आयुर्वेद के अनुसार नीम गिलोय का काढ़ा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करता है। इसका उपयोग प्राचीन काल में ऋषि-मुनि भी करते रहे हैं। लोग इन नुस्खों का उपयोग भी कर रहे हैं।

अदरक-तुलसी की चाय भी गुणकारी

कोई तुलसी, सोंठ, काली मिर्च, गुड़, अदरक आदि की चाय बनाकर उसका सेवन कर रहे है तो कोई कपूर, लौंग, इलाइची और जावित्री को पीसकर उसे कपड़े में बांधकर अपने साथ रखने की बात कह रहे हैं। लोगों के अनुसार इस मिश्रण की पोटली को समय-समय पर सूंघना भी इस दौर में लाभदायक हो सकता है। जयपुर निवासी 85 वर्षीय बुजुर्ग रामेश्वर लाल ने बताया कि उनके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी मजबूत है। उन्होंने बताया कि वो कई वर्षों से रोज घर पर ही काढ़ा बनाकर पी रहे हैं।

ऐसे बनाएं काढ़ा

दो चम्मच दालचीनी पाउडर, चार लौंग, दो तीन इलायची, एक तेज पत्ता, आधा चम्मच काली मिर्च पाउडर, दो चम्मच गुड़, चौथाई चम्मच काला नमक, एक टुकड़ा अदरक, कच्ची हल्दी, दस बारह तुलसी पत्ते एक लीटर पानी डालकर उबालें। जब यह आधा रह जाए तो छानकर रख लें। इस काढ़े का उपयोग दिन में दो तीन बार करीब चालीस एमएल की मात्रा में करें। यह काढ़ा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में काफी कारगर है। दालचीन शुगर कंट्रोल करने के साथ सर्दी खांसी में भी राहत प्रदान करती है।

ये भी अपनाएं

हर आधे घंटे में गुनगुने पानी का उपयोग करें। फ्रीज के ठंंडे पानी को पीने से बचें।
नमक डालकर पानी गुनगुना गर्म करें। इस पानी से कम से दिन में दो बार गरारें करें। यह वायरस को फेफड़ों तक पहुंचने से रोकने में कारगर हो सकता है। गुनगुने पानी से गरारे करें, इससे वायरस फेंफड़ों तक नहीं पहुंचेगा।
दूध का सेवन करते हैं तो तुलसी, लौंग, अदरक और हल्दी डालकर गर्म दूध का सेवन करें। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होगी।
कपूर, लौंग, इलायची और जावित्री को पीसकर इसके मिश्रण को एक कपड़े में बांधकर रख लें और समय-समय पर इसे सूंघते रहें।
खट्टे फलों जैसे संतरे, मौसमी और आंवले का सेवन करें। नींबू का उपयोग भी लाभदायक है। इनमें विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होता है।
रोजाना घूमना, व्यायाम, प्राणायाम और सूर्य नमस्कार भी फायदेमंद है। इससे श्वसन तंत्र के साथ फेफड़े भी मजबूत होते हैं।

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