देश में कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए अब केन्द्र सरकार ने 45 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को टीका लगाने का फैसला किया है। यह निर्णय मंगलवार को केन्द्रीय केबिनेट की मीटिंग में किया गया। अब अगर आपकी उम्र 45 वर्ष से ज्यादा है तो 1 अप्रेल से कोरोना वैक्सीन लगवा सकते हैं। केंद्र सरकार ने वैक्सीन के लिए बीमारी का सर्टिफिकेट लाने की शर्त भी वापस ले ली है। अब तक 45 से 60 वर्ष का कोई व्यक्ति अगर तय बीमारी या बीमारियों से ग्रस्त होने पर ही वैक्सीन लगवाने के योग्य हुआ करता था। उसे अपनी बीमारी का प्रमाण पत्र पेश करने के बाद ही वैक्सीन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी हो पाती थी।
अब तक 4 करोड़ 83 लाख लोगों का वैक्सिनेशन
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि 23 मार्च तक देश में चार करोड़ 83 लाख लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। इनमें से 80 लाख लोगों को दूसरी डोज मिल चुकी है। पिछले 24 घंटे में रिकॉर्ड साढ़े 32 लाख लोगों को खुराक दी गई है। मंत्रिमंडल की बैठक में टास्क फोर्स की सलाह के आधार पर दो फैसले किए गए हैं। पहला फैसला यह कि 1 अप्रेल के बाद 45 वर्ष से अधिक उम्र के हर व्यक्ति को वैक्सीन लगेगी।
अब रजिस्ट्रेशन के लिए डिजीज सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं
जावड़ेकर ने कहा कि वैक्सीन लगाने के लिए 45 साल से ऊपर के व्यक्ति को डॉक्टर का सर्टिफिकेट लाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कोवीशील्ड वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज के बीच का अंतराल बढ़ाए जाने के नए निर्देश पर कहा कि यह वैज्ञानिकों की राय है। उन्होंने बताया कि केबिनेट दूसरा फैसला यह लिया गया है कि कोविशील्ड का डोज चार से आठ सप्ताह तक लेना ज्यादा सही है। इसलिए अंतराल को बढ़ाकर चार से आठ सप्ताह किया गया है।
टीकाकरण का तीसरा चरण 1 अप्रेल से
ध्यान रहे कि भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण अभियान की शुरुआत 16 जनवरी से शुरू हुई थी। तब सिर्फ स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चों पर तैनात कर्मचारियों को कोविड वैक्सीन लगाई गई। एक मार्च से टीकाकरण अभियान का दूसरा चरण शुरू हुआ तो 60 वर्ष से ऊपर के बजुर्गों को प्राथमिकता दी गई। अब 1 अप्रैल से टीकाकरण अभियान का तीसरा चरण शुरू होगा तो किसी को बीमारी का प्रमाण पत्र देने की जरूरत नहीं होगी।