
लखनऊ, 7 मई। उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 28 हजार 76 नए केस सामने आए हैं। वहीं 33 हजार 117 मरीज स्वस्थ हुए हैं। उत्तर प्रदेश में 30 अप्रेल को तीन लाख 10 हजार केस एक्टिव थे। यहां 30 अप्रेल से 6 मई तक की एक सप्ताह की अवधि में 55,000 एक्टिव केस कम हुए हैं। 24 अप्रेल को सर्वाधिक 38 हजार पॉजिटिव केस आए थे, तब से नए केस में लगातार गिरावट आ रही है। साथ ही रिकवरी दर में बढ़ोतरी हो रही है। राज्य में फिलहाल दो लाख 54 हजार 118 मरीजों का उपचार किया जा रहा है, जिसमें एक लाख 98 हजार 857 मरीज होम आइसोलेशन में हैं।
अब तक सवा करोड़ से अधिक का वैक्सीनेशन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को टीम-9 के साथ कोरोना की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रदेश में अब तक एक करोड़ 34 लाख 30 हजार से अधिक डोज लगाए जा चुके हैं। उन्होने कहा कि कोरोना संक्रमित अथवा लक्षण वाले लोग अभी टीकाकरण न कराएं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड संक्रमित व्यक्ति को स्वस्थ होने के एक माह बाद ही वैक्सीनेशन कराना चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी ने बैठक में कहा कि प्रदेश में अंतरराज्यीय बस परिवहन को स्थगित किया गया है। निजी परिवहन ऑपरेटर आधी क्षमता के साथ ही कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए ही संचालित हो सकेंगे। परिवहन विभाग इस व्यवस्था को सख्ती से लागू कराए।
आधे कर्मचारी ही आएंगे सरकारी कार्यालयों में
योगी ने कहा कि सभी सरकारी एवं निजी कार्यालयों में बीमार, दिव्यांग कर्मचारी और गर्भवती महिला कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी जाए। सभी सरकारी कार्यालयों में 50 प्रतिशत कार्मिक क्षमता से ही कार्य लिया जाए। एक समय मे एक तिहाई से अधिक कर्मचारी उपस्थित न रहें। योगी ने कहा कि विभिन्न जिलों में कुछ निजी अस्पतालों द्वारा बेड, ऑक्सीजन आदि का कृत्रिम अभाव पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है। कुछ निजी अस्पतालों में शासन द्वारा तय शुल्क दर से कई गुना अधिक की वसूली करने की जानकारी मिली है। यह कतई उचित नहीं है। इस प्रकार की गतिविधियां आपराधिक हैं। कुछ जिलों में इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है।
सेना बना रही आगरा में 500 बेड का अस्पताल
आगरा में भारतीय सेना की मदद से एल-2 श्रेणी का 500 बेड का कोविड अस्पताल तैयार किया जा रहा है। एसजीपीजीआई, केजीएमयू में बेड विस्तार की कार्यवाही हो रही है। हमें मिशन मोड में कार्य करते हुए बेड की वर्तमान क्षमता को दोगुना करने की जरूरत है। सभी जिलों में इस कार्य को शीर्ष प्राथमिकता दी जाए।
उन्होने कहा कि विशेषज्ञों के आकलन के मद्देनजर हमें सभी तरह की चुनौतियों के लिए तैयार रहना होगा। ऐसे में बेड, मैनपॉवर, चिकित्सकीय उपकरण, ऑक्सीजन और दवाओं की उपलब्धता वर्तमान क्षमता के सापेक्ष न्यूनतम दोगुना करने की कार्यवाही तेज हो।