हाइवे पर तो ट्रक दौड़ते दिखाई देते ही है, लेकिन अपने देश में अब रेल की पटरियों पर भी ट्रक दिखाई देंगे। इसके लिए डेडिकेटेड फ्रेट कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआईएल) ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके लिए रो-रो सर्विस शुरू की जाएगी। इसे रोल ऑन-रोल ऑफ नाम दिया गया है। इसे हरियाणा के न्यू रेवाड़ी से गुजरात के न्यू पालनपुर तक शुरू किया जाएगा।
दस घंटे में तय होगी 30 घंटे की दूरी
इसमे ट्रकों को सीधे मालगाड़ी पर चढ़ाया जाएगा और ट्रक और ट्रेलरों को जहां तक जाना होगा, उसके निकट वाले स्टेशन पर उनको उतार दिया जाएगा। इन ट्रकों और ट्रेलरों में ड्राइवर और खलासी को केवल बैठे रहना ही होगा और डीएफसी के मजबूत और आधुनिक ट्रेक पर मालगाड़ी कुछ ही घंटों में उन्हें उनकी निकट की जगह पर पहुंचा देगी। इससे सडक़ों पर ट्रकों की संख्या में कमी आएगी और प्रदूषण भी कम होगा। वहीं ट्रांसपोर्ट्र्स का समय भी बचेगा क्योंकि यह केवल 10 घंटे में ट्रकों को न्यू रेवाड़ी से न्यू पालनपुर तक पहुंचा देगी जबकि सडक़ मार्ग से 30 घंटे से अधिक समय लगता है। साथ ही उनका खर्चा भी कम होगा, जिससे उद्योगों और व्यापार को भी लाभ मिलेगा। इसके लिए मांगी गई निविदाओं में कई फर्मों ने रूचि दिखाई है। अत: यह सेवा जल्द ही शुरू हो जाएगी।
सौ किलोमीटर प्रति घंटे की होगी स्पीड
गौरतलब है कि देश में माल परिवहन की लागत कम करने और सामान को देश के विभिन्न हिस्सों तक जल्द पहुंचाने के लिए देश के पूर्वी और पश्चिमी हिस्से में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का काम चल रहा है। पूर्वी हिस्सा पंजाब के लुधियाना से पश्चिम बंगाल के दानकुनी तक और पश्चिमी हिस्सा उत्तरप्रदेश से मुंबई तक बनाया जा रहा है। इसमें दोनों जगह दो आधुनिक विद्युतीकृत रेलवे ट्रेक रहेंगे, जिन पर मालगाडिय़ां 100 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से दौड़ेंगी। इससे रेलवे की आय बढ़ेगी और साथ ही सडक़ों पर ट्रक कम चलने के कारण प्रदूषण भी कम होगा। साथ ही इन रूटों पर मालगाडिय़ों के वर्तमान रेलवे ट्रेक से हटने पर सवारी गाडिय़ों को जगह मिलेगी, जिससे उनकी गति भी बढ़ जाएगी और यात्रियों को लाभ मिलेगा। इस वर्ष जनवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रेवाड़ी-मदार और भाउपुर-खुर्जा सेक्शन का उद्घाटन भी कर चुके है। इस हिस्से में मालगाडिय़ां दौडऩा शुरू हो चुकी हैं। रेलमंत्री पीयूष गोयल ने संसद में कहा भी है कि जब भारत आजादी के 75 वर्ष मनाएगा, तब तक ईस्ट और वेस्ट डीफसीसी कॉरिडोर चालू हो जाएंगे। इससे देश के उद्योगों की लॉजिस्टिक कॉस्ट (माल परिवहन की लागत) कम होगी और उनको लाभ मिलेगा। इससे देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने में मदद मिलेगी।