
केंद्र सरकार ने कंपनियों को दिए 4500 करोड़ रूपए
जयपुर। कोरोना महामारी के बढ़ते केसों को देखते हुए केंद्र सरकार ने युद्ध स्तर पर वैक्सीनेशन का निर्णय लिया है। इसके अंतर्गत 1 मई से 18 वर्ष से अधिक आयु के लोग वैक्सीन लगवा सकेंगे। साथ ही राज्य भी 50 प्रतिशत वैक्सीन प्राप्त कर सकेंगे। वैक्सीन उत्पादन बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने वैक्सीन निर्माता दो कंपनियों को 4500 करोड़ रूपए देने का निर्णय किया है। इससे यह कंपनियां अपना उत्पादन कई गुना बढ़ा सकेंगी और निर्यात भी कर सकेगी। इसमे 3000 करोड़ रूपया सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया को और 1500 करोड़ रूपए भारत बायोटेक कंपनी को दिए जाएंगे। इससे इन कंपनियों की उत्पादन क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी। सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया है। साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से आग्रह किया है वो कच्चे माल के निर्यात पर रोक हटाए ताकि भारत में वैक्सीन उत्पादन में तेजी लाई जा सके। सीरम इंस्टीट्यूट की ओर से कोविशील्ड वैक्सीन का निर्माण किया जाता है।
70 करोड़ डोज प्रतिवर्ष की क्षमता
भारत बायोटेक अपनी क्षमता अब 200 मिलियन वैक्सीन से बढ़ाकर 700 मिलियन यानि की 70 करोड़ डोज प्रतिवर्ष की क्षमता बनाएगी। यह क्षमता विस्तार हैदराबाद और बेंगलुरू में होगा। भारत बायोटेक की कोवैक्सीन कोरोना के विरुद्ध प्रभावी पाई गई है। वैक्सीन उत्पादन बढ़ाने के लिए आवश्यक सामान का इंतजाम भी जल्द किया जा सकेगा।
वैक्सीन की जा सकेगी निर्यात
देश में वैक्सीन निर्माण क्षमता बढ़ाने से निर्यात क्षमता भी बढ़ जाएगी। भारत की वैक्सीन सस्ती होने के कारण विदेशों में आसानी से निर्यात की जा सकती है। एक अनुमान के अनुसार दुनिया के 150 देशों में भारतीय वैक्सीन की काफी मांग है। अगर देश में वैक्सीन निर्माण क्षमता कई गुना बढ़ा दी जाए तो पूरी दुनिया की मांग पूरी करने में भारत सक्षम बन जाएगा। इससे संपूर्ण विश्व में हमारी प्रतिष्ठा बढ़ जाएगी।